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India News (इंडिया न्यूज) MP Politics: हाल ही में मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में दस हाथियों की मौत और इसी समूह के एक हाथी द्वारा दो ग्रामीणों पर हमला कर उनकी हत्या करने का मामला सामने आया था। इस मामले को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने उपचुनाव से पहले वन मंत्री रामनिवास रावत को घेरा है और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से उन्हें हटाने की मांग की है।
हाथियों की मौत पर सरकार पर निशाना
जानकारी के मुताबिक, पटवारी ने आरोप लगाया कि 10 हाथियों की मौत हादसा नहीं बल्कि उन्हें जहर देकर मारा गया है। यह जांच का विषय है। इस पूरी घटना के लिए वन विभाग और राज्य सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार सिर्फ वन्यजीवों के लिए बजट पास करती है और उसमें भ्रष्टाचार करती है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस मामले को पिछले कुछ समय से राज्य में हो रही बाघों की मौतों से भी जोड़ा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर सरकार इन हत्याओं के लिए कर्मचारियों को दंडित करती है तो यह अन्याय होगा।
वन मंत्री के इस्तीफे की मांग
वन मंत्री रामनिवास रावत को इस्तीफा दे देना चाहिए। रावत पहले इस सीट से कांग्रेस के विधायक थे, लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था। इसके साथ ही उन्होंने विधानसभा से भी इस्तीफा दे दिया था, जिसके चलते विजयपुर में उपचुनाव हो रहा है। रावत इस बार बीजेपी से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि कांग्रेस ने मुकेश आदिवासी को अपना उम्मीदवार बनाया है। पूर्व सीएम कमल नाथ ने ट्विटर पर ट्वीट कर कहा कि बांधवगढ़ नेशनल पार्क में 10 हाथियों की मौत को लगभग एक सप्ताह बीत चुका है, लेकिन दोषियों को पकड़ना तो दूर, मध्य प्रदेश सरकार हाथियों की मौत का कारण भी स्पष्ट नहीं कर पाई है। यह बेहद चिंता का विषय है। एक ओर जहां जंगली जानवरों की जान खतरे में है,
हाथियों की मौत पर जांच
वहीं दूसरी ओर यह भी देखने को मिल रहा है कि मध्य प्रदेश का वन विभाग जंगली जानवरों की सुरक्षा करने में पूरी तरह से अक्षम है। राज्य की जांच एजेंसियां हाथियों की मौत की सही जांच करने में या तो पूरी तरह से अक्षम हैं या फिर उनके पास पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं। क्योंकि निष्पक्ष जांच के अभाव में जंगली जानवरों की जान खतरे में रहेगी और इसके पीछे जो लोग हैं, वे खुद को सुरक्षित महसूस करेंगे। वे इस तरह के अपराध को दोहराने का दुस्साहस करेंगे। मुझे उम्मीद है कि मुख्यमंत्री मेरी मांग को गंभीरता से लेंगे और राज्य में वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए इस दिशा में तत्काल कदम उठाएंगे।
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