India News MP (इंडिया न्यूज़), Morena: मध्य प्रदेश के मुरैना जिले से एक अनोखा मामला सामने आया है। जहां एक पुलिस थाने में 3 आरोपी के शव मिलने से हड़कंप मचा गया। पुलिस ने इसको आत्महत्या बताया है। वही इस मामले को लेकर विपक्ष के नेता पुलिस की सुरक्षा को लेकर सवाल उठा रहे है। साथ ही कहा कि दलित समुदाय के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। इस मामले में 3 पुलिस वालों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
एसडीएम भूपेन्द्र सिंह कुशवाह ने बताया कि सुबह करीब साढ़े पांच बजे बालकृष्ण जाटव उर्फ सनी का शव खिड़की पर कपड़े से बंधा हुआ लटका मिला। उन्होंने कहा कि ग्वालियर के रहने वाले सनी को उसके जीजा की हत्या के आरोप में शनिवार को गिरफ्तार किया गया था, जिसका शव पिछले साल दिसंबर में एक नहर के पास मिला था। हालांकि, सनी के परिवार के सदस्यों ने कहा कि उसे चार दिन पहले गिरफ्तार किया गया था।
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घटनास्थल का दौरा करने के बाद एएसपी अरविंद ठाकुर ने बताया कि हिरासत में मौत के मामले में एसपी समीर सौरभ ने थाना प्रभारी और इंस्पेक्टर रामबाबू यादव, पुलिस अधीक्षक और सिपाही को निलंबित कर दिया है। हालांकि पहली नजर में यह आत्महत्या ही लग रही है। उन्होंने कहा कि न्यायाधीश राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के दिशानिर्देशों के अनुसार हिरासत में मौत की जांच करेंगे। एएसपी ने कहा कि डॉक्टरों की एक टीम मृतक का शव परीक्षण करेगी। जो भी साक्ष्य मिलेंगे, उचित कार्रवाई की जाएगी।
इस बीच, कांग्रेस ने घटना पर पुलिस कमिश्नर मुरैना को बर्खास्त करने की मांग की है। कांग्रेस सांसद जीतू पटवारी ने ट्वीट किया, ”क्या किसी दलित का सदन में रहना अपराध है? कटनी के बाद पुलिस ने एक और दलित को निशाना बनाया है। ” कटनी में एक दलित महिला और उसके पोते को पुलिस हिरासत में बेरहमी से पीटा गया, जिसका वीडियो पिछले हफ्ते वायरल हुआ था। इस मामले में महिला पुलिस अधिकारी और अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई।
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