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सपनों को मिली पंख, MPPSC में बेटियों की कामयाबी ने फहराया परचम, जाने सफलता का राज

BY: Shagun Chaurasia • LAST UPDATED : January 20, 2025, 12:05 pm IST
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सपनों को मिली पंख, MPPSC में बेटियों की कामयाबी ने फहराया परचम, जाने सफलता का राज

MPPSC Toppers

India News (इंडिया न्यूज), MPPSC Toppers: मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) की राज्य सेवा परीक्षा 2022 ने कई युवाओं के सपनों को साकार किया, जिनमें बेटियों ने खास उपलब्धियां हासिल कीं। सीमित संसाधनों और कठिन परिस्थितियों के बावजूद, इन बेटियों ने अपने हौसले और मेहनत के बल पर सफलता की मिसाल कायम की।

रमशा अंसारी का हुआ सपना पूरा

भोपाल की रमशा अंसारी ने डीएसपी के पद पर चयनित होकर एक नया इतिहास रचा। उन्होंने एमपीपीएससी परीक्षा में 878 अंक हासिल किए और यह उपलब्धि उन्हें तीसरे प्रयास में मिली। रमशा ने बीए इकोनॉमिक्स ऑनर्स में ग्रेजुएशन किया है। उनके पिता मोहम्मद अंसारी कृषि विभाग में कार्यरत हैं। रमशा ने बताया कि मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार रहना, नियमित 11-12 घंटे की पढ़ाई और परिवार का साथ उनकी सफलता की कुंजी रहे। उनकी कहानी हर उस युवा के लिए प्रेरणा है, जो चुनौतियों का सामना करते हुए अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं।

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आयशा अंसारी- ऑटो ड्राइवर की बेटी बनी डिप्टी कलेक्टर

रीवा की आयशा अंसारी ने डिप्टी कलेक्टर का पद हासिल कर दिखा दिया कि मेहनत और लगन से हर मंजिल पाई जा सकती है। दो बार असफल होने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और तीसरे प्रयास में सफलता हासिल की। आयशा के पिता मुस्लिम खान पेशे से ऑटो चालक हैं और मां गृहणी हैं। आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद, उन्होंने बेटी को पढ़ाई में हर संभव सहयोग दिया। आयशा ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता, दोस्तों और शिक्षकों को दिया है।

 

पूजा जैन- किराना दुकानदार की बेटी की सफलता

सागर जिले की पूजा जैन ने पांचवें प्रयास में एमपीपीएससी की परीक्षा पास कर सहायक संचालक, शिक्षा विभाग के पद पर चयन पाया। यह उपलब्धि उनके लिए और खास थी, क्योंकि परीक्षा का रिजल्ट उनकी सगाई के दौरान आया, जिससे परिवार की खुशी दोगुनी हो गई। पूजा ने अपनी छोटी बहन रिया के साथ तैयारी शुरू की थी। रिया ने पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की, लेकिन पूजा को बार-बार असफलता का सामना करना पड़ा। उन्होंने अपने संघर्ष को कभी रुकने नहीं दिया और अंततः अपनी मेहनत से सफलता पाई।

 

संघर्ष से मिली प्रेरणा

रमशा, आयशा और पूजा की कहानियां यह साबित करती हैं कि सीमित साधनों और कठिन हालात के बावजूद, मजबूत इरादे और कड़ी मेहनत से हर लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। ये बेटियां न केवल अपने परिवार बल्कि समाज के लिए भी प्रेरणा हैं। उनकी सफलता यह संदेश देती है कि अगर आत्मविश्वास और धैर्य बनाए रखा जाए, तो कोई भी मुश्किल राह आसान हो सकती है।

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