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India News (इंडिया न्यूज़), Niwas Vidhan Sabha Seat,मध्यप्रदेश: आगामी चुनाव में इस बार मध्य प्रदेश के मांडला जिले के तहत 3 विधानसभा सीटें में आने वाली निवास विधानसभा सीट चुनाव में बेहद हाई प्रोफाइल सीट बनी हुई है। वही इस वार बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को मैदान में उतारा है। इसके साथ ही बता दें कि सुनाव में जिले की तीनों सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। जिसमें निवास सीट पर कांग्रेस का कब्जा है।
कुछ महीने में मध्य प्रदेश में चुनाव कि सरगर्मियों बढ़ने वाली है। जिसमें बीजेपी फिर सत्ता में वापसी करने कि पुरी कोशिश में जुटी हुई है। वहीं इस बार बीजेपी की नजर प्रदेश में आदिवासी सीट पर बनी हुई है। इसके साथ ही सरकार ने उन सीटों पर अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है जिसपर उनको स्थिति खराब लग रही है।
2018 के चुनाव की बात की जाएं तो इसमें विधानसभा चुनाव में निवास सीट पर 6 उम्मीदवारों ने दावेदारी पेश कि थी। 2018 में त्रिकोणीय मुकाबला हुआ जिसमें राम प्यारे कुलस्ते, कांग्रेस के डॉक्टर अशोक मार्सकोले और गोंडवाणा गणतंत्र पार्टी के रामूलाल कुलस्ते मुकाबला हुआ था। वहीं इसमें डॉक्टर अशोक मार्सकोले को चुनाव में 91,007 वोट मिले तो राम प्यारे कुलस्ते को 62,692 वोट मिले थे। वहीं गोंडवाणा पार्टी के रामू लाल को 21,852 वोट आए।
मुकाबले के बाद अशोक मार्सकोले ने 28,315 (15.3%) मतों के अंतर से चुनाव हासिल की। तब के चुनाव में निवास सीट पर कुल वोटर्स 2,38,242 थे। इसमें पुरुष वोटर्स की संख्या 1,19,455 तो महिला वोटर्स की संख्या 1,18,787। इसमें से कुल 1,84,512 (79.7%) वोटर्स ने वोट डाले।
2018 में पिछले 3 चुनावों में बीजेपी चुनावी जीत और हैट्रिक लगाई।
1990 से लेकर अब तक 7 चुनावों में बीजेपी को 4 बार तो कांग्रेस को 3 बार जीत हासिल।
1990 में फग्गन सिंह कुलस्ते ने बीजेपी के टिकट पर जीत।
1993 और 1998 में यह सीट कांग्रेस के हाथ।
2003 में फग्गन सिंह कुलस्ते के भाई राम प्यारे कुलस्ते यहां से उतरे और विजयी रहे।
2008 और 2013 के चुनाव में भी राम प्यारे कुलस्ते ने जीत।
2018 में कुलस्ते यहां से हार गए और कांग्रेस ने चुनाव जीती।
2023 का चुनाव रोमांचक होने वाला है क्योंकि बीजेपी ने जीत हासिल करने के लिए केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को उम्मीदवार के रूप में चुना है। इसके साथ ही बता दें कि फग्गन सिंह 7 बार सांसद रह चुके है। सीट कि बात करें तो इसपर आदिवासी वोटर्स कि अच्छी खासी सख्या है। जिसमें ढाई लाख वोटर्स है। इस चुनावी क्षेत्र में ज्यादातर लोग खेती कर गेहूं, मक्का और धान को उगाते है।
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