संबंधित खबरें
मातम में बदलीं खुशियां, नाचते- नाचते ऐसा क्या हुआ शादी से पहले उठी…
नाइजीरिया में क्यों पीएम मोदी को दी गई 'चाबी'? क्या है इसका महत्व, तस्वीरें हो रही वायरल
Stray Dogs: बिलासपुर में आंवारा कुत्तों का आतंक, लॉ छात्रा पर किया हमला
छत्तीसगढ़ में इंडिगो फ्लाइट को मिली धमकी, इमरजेंसी हुई लैंडिग
ऑटो में बैठी थी महिला तभी पीठ पर किसी ने फेरा हाथ, पीछे मुड़ी तो कांप गई रूह, देखें सबसे डरावने 5 मिनट की झलक
खिचड़ी बनी जानलेवा, मौत से पटना में लोगों का रो रो कर हुआ बुरा हाल
इंडिया न्यूज (First time, women reached the Nagaland Legislative Assembly): नागालैंड भारत का वो राज्य है जहां सूरज की किरणे तो सबसे पहले पहुंचती हैं परंतु सूरज की ये किरणें नागालैंड की महिलाओं के जीवन में कोई आशा की किरण पैदा नहीं कर पाई। नागालैंड 1963 में राज्य बना था और पिछले 60 वर्षों में यहां 13 बार विधानसभा चुनाव हो चुके थे, परंतु विधानसभा में कभी भी महिलाएं नही पहुंच पाई। आज 14 वीं विधानसभा के नतीजे सामने आए हैं और पहली बार नागालैंड के चुनावी इतिहास में दो महिलाओं ने जीत दर्ज करके दशकों से चली आ रही परंपरा को तोड़ दिया है।
History has been made!
Heartfelt congratulations, Mrs. @k_salhoutuonuo and Mrs. @Hekani Jakhalu on winning Assembly Elections. You carry the hopes of women and future generations as changemakers and role models. I hope you will continue to be passionate and courageous. pic.twitter.com/goMlR3fEXD
— Neiphiu Rio (@Neiphiu_Rio) March 2, 2023
60 विधानसभा सीटों वाले नागालैंड में 14वीं विधानसभा के चुनावी समर में कुल 184 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे थे जिनमे से महिलाओं की संख्या केवल चार थी। और इन चार में से नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (NDPP) की दोनो महिला उम्मीदवारों ने जीत दर्ज करते हुए अपनी पार्टी के नाम के अनुसार डेमोक्रेसी में प्रोग्रेस की तरफ बढ़ी हैं।
ये सोचनीय विषय है कि आज तक नागालैंड विधानसभा के हुए 14 विधानसभा चुनावों में केवल 20 महिलाओं को ही चुनाव लडने का अवसर मिला है। जबकि नागालैंड में महिला मतदाताओं की संख्या 49.76 प्रतिशत है, अर्थात महिलाएं पुरुष मतदाताओं के बराबर है और सरकार बनाने में बराबरी की भूमिका निभाती हैं परंतु इसके बावजूद उन्हें राजनीति में नही आने दिया जा रहा।
महिलाओं को सोचना होगा और अपने हकों और अपने अधिकारों के लिए लड़ना होगा क्योंकि भारत जैसे प्रगतिशील देश में जहां हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी इन दिनों बढ़ती जा रही है तो राजनीति में भी इनकी भागीदारी बढ़नी चाहिए। क्योंकि प्रत्येक प्रकार की नीतियों का निर्माण विधायिकाओं द्वारा किया जाता है, जब तक विधानसभाओं और संसद में महिलाओं की पर्याप्त संख्या नही होगी तब तक महिलाएं नीति निर्माण में भागीदार नहीं बन पाएंगी और आधी आबादी के अपने विकास के लिए पुरुषों पर निर्भर बनी रहेंगी। बहरहाल नागालैंड में इतिहास लिखा गया है और आगामी समय में हम उम्मीद लगा सकते हैं कि नागालैंड विधानसभा में और भी ज्यादा संख्या में महिलाएं जीत दर्ज कर पाएंगी और महिलाओं के जीवन में बदलाव करते हुए नए आयाम स्थापित करेंगी।
ये भी पढ़ें – इस तरह शुरु हुआ ‘अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ मनाने का सिलसिला, इस साल रखी गई है ये खास थीम
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.