India News (इंडिया न्यूज़), Hum Mahilayen, दिल्ली: आईटीवी नेटवर्क की तरफ से हम महिलाएं कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। हरियाणा के फरीदाबाद में मिलन वाटिका में महिलाओं से जुड़े अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा की जा रही है। इस कड़ी में मिस इंडीया 2008, लेखिका,मातृ शिशु कल्याण कोच और महिला कार्यकर्ता, उद्यमी और वैश्विक वक्ता महिमा बख्शी ने महिला और महिलाओं के हेल्थ को लेकर खास चर्चा की।
डॉ. महिमा बख्शी मिस इंडिया 2008 ने अपनी फिल्ड क्यों चेंज की आप उसमें भी आगे बढ़ सकती थी जैसे सवाल पर महिमा बक्शी ने कहा कि जब मैने इसकी शुरुआत की तो उस समय हरियाणा से बहुत सारी लड़कियां इस फिल्ड में नहीं जाती थी। लड़कियों को मॉडलिंग में जाने की अनुमती नहीं दी जाती थी। जब मैं मिस इंडिया 2008 जीत के आई तो मुझसे सवाल किया गया कि आप महिलाओं के लिए क्या करना चाहेंगी तब मैंने सोचा कि मैं यदि महिलाओं के लिए कुछ करना चाहुंगी तो मैं महिलाओं के हेल्थ को लेकर काम करना पसंद करूंगी। क्योंकि मैने देखा हैं मेरी खुद की मां ने सबका ख्याल रखा लेकिन खुद के हेल्थ का ख्याल नहीं रखा।
ऐसे में मुझे लगा कि मै मदर्स की हेल्थ के लिए कुछ करना चहिए। मैने रिप्रोडक्टिव चाइल्ड हेल्थ के लिए यूनिसेफ (UNICEF) से आगे की पढ़ाई की और उसके बााद मुझे लगा कि इंडिया में यदि मदर्स के लिए कुछ कर सकते हैं तो वो सबसे खुबसुरत चीज होगी। क्योंकी एक महिला प्रेगनेंसी के जरिए अपने 9 महिने निकालती है तो वो 9 महिने उसके कैसे गुजर रहे हैं तो वो उसे हमेशा याद रहेगा। फिर मैने जब हॉस्पिटल के साथ काम किया तो मैने पाया उस समय सिजेरियन सर्जरी सबसे ज्यादा करवाई जा रही थी। तो मुझे लगा कि हमे नॉर्मल डिलीवरी को लेकर लोगों को जागरूक कराने की जरूरत हैं। तब मैने अपनी पहली किताब लिखी “बिरथिंग नैचुरली” दूसरी किताब मैने लिखी “बियोंड बर्थ”। ऐसे आज मैं मॉडलिंग से हट कर महिलाओं के लिए कुछ अलग कर रही हूं सो मेरा पूरा फिल्ड चेंज हो गया।
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