होम / New Delhi : सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर की घटना पर मांगा केंद्र व राज्य से जवाब, सीबीआई को सौंपी गई जांच

New Delhi : सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर की घटना पर मांगा केंद्र व राज्य से जवाब, सीबीआई को सौंपी गई जांच

Itvnetwork Team • LAST UPDATED : July 28, 2023, 4:53 pm IST

India News (इंडिया न्यूज़), Ajit Kumar Srivastava, New Delhi : केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि मणिपुर में भीड़ द्वारा दो युवा आदिवासी महिलाओं को सड़क पर नग्न घुमाए जाने की घटना के संबंध में जांच सीबीआई को सौंप दी गई है।

इसके अलावा, केंद्र ने गुरुवार को शीर्ष अदालत से अनुरोध किया कि मुकदमे सहित पूरे मामले को मणिपुर राज्य के बाहर किसी अन्‍य राज्य में स्थानांतरित करने का आदेश दिया जाए। साथ ही, यह निर्देश देने की भी मांग की गई है कि मुकदमा सीबीआई द्वारा आरोप पत्र दाखिल करने की तारीख से छह महीने के भीतर समाप्त किया जाए।

सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर पर केंद्र व राज्य सरकार से मांगा जवाब-

गौरतलब है कि 20 जुलाई को, सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर की वायरल वीडियो पर स्वत: संज्ञान लिया और केंद्र व राज्य सरकार से उनके उठाए गए कदमों के बारे में 28 जुलाई तक उसे अवगत कराने को कहा है।

केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला सुप्रीम कोर्ट को दिया हलफनामा

केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया है जिसमें उन्होने कहा कि, “केंद्र सरकार ने राज्य सरकार की सहमति से मामले की जांच एक स्वतंत्र एजेंसी यानी सीबीआई को सौंपने का फैसला लिया है।”
उन्होने आगे कहा कि, “यह कहा गया कि ‘कानून और व्यवस्था’ राज्य सरकार द्वारा संभाली जाती है, लेकिन घटना की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार सुरक्षा के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करने के अलावा हालात पर कड़ी नजर रख रही है।”

हलफनामे में कानूनी सहायता देने की बात कही-

हलफनामे में कहा गया है कि राज्य सरकार ने पीडितों को कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए जिला मनोवैज्ञानिक सहायता टीमों का गठन किया है। जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण के माध्यम से उन्‍हें कानूनी सहायता भी प्रदान की गई है।

जवाब में आगे कहा गया कि, “राज्य सरकार ने सूचित किया है कि जांच के दौरान सात मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की जांच के लिए वे पुलिस हिरासत में हैं।”

राज्य सरकार कार्रवाई नहीं की तो शीर्ष अदालत करेगी हस्तक्षेप-सुप्रीम कोर्ट

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो सामने आने के एक दिन बाद 20 जुलाई को सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि, “हिंसा के लिए महिलाओं को साधन के रूप में इस्तेमाल करना संवैधानिक लोकतंत्र में अस्वीकार्य है।” तो वहीं पीठ ने भारत के सॉलिसिटर जनरल से कहा था कि अगर राज्य सरकार कार्रवाई नहीं करती है तो शीर्ष अदालत मामले में “हस्तक्षेप” करने के लिए बाध्य होगी। इसमें कहा गया था, ”हम सरकार को कार्रवाई करने के लिए थोड़ा समय देंगे अन्यथा हम कार्रवाई करेंगे।”

इसने केंद्र और मणिपुर सरकार को तत्काल कदम उठाने और की गई कार्रवाई से 28 जुलाई से पहले अदालत को अवगत कराने का निर्देश दिया। इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) ने दावा किया कि 4 मई को दोनों महिलाओं को नग्न अवस्था में घुमाने के बाद धान के खेत में उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था।

यह भी पढ़ें : Weightlifting: खेल मंत्री ने एशियाई जूनियर और यूथ वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप का किया शुभारंभ, देश में पहली बार आयोजित हो रहा है चैंपियनशिप

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.