इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Ahmedabad Blast Case: ‘फांसी’ शब्द जब सुनने में अजीब लगता है तो जरा सोचिए जिसे फांसी की सजा सुनाई जाती होगी (कहें जिसे लगने वाली होती होगी) उस पर क्या बीतता होगा। अभी हाल ही में अहमदाबाद बम विस्फोट मामले में 13 साल बाद 38 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई है। (ahmedabad blast, 38 sentenced to death)
(ahmedabad blast sentenced to death) यह भारत देश के इतिहास में पहली बार है कि एक साथ 38 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई है। ऐसे में फांसी की सजा एक बार फिर चर्चा में है। ज्ञात होगा कि (Rajeev Gandhi Murder case) इससे पहले राजीव गांधी हत्याकांड (21 मई 1991) के मामले में 28 जनवरी 1998 को स्पेशल टाडा कोर्ट ने 26 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी। (death penalty) चलिए जानते हैं कि देश में फांसी का मतलब क्या और किन मामलों में दी जाती है फांसी।
आपको बता दें कि 26 जुलाई 2008 को अहमदाबाद में सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे। (Ahmedabad Blast Case) इस घटना में 56 लोगों की मौत हुई थी, साथ ही 200 लोग घायल हो गए थे। इस दिल दहला देने वाली घटना ने देश को झकझोर कर रख दिया था। इन धमाकों की गूंज से हर कोई स्तब्ध था। इस बम ब्लास्ट मामले में 18 फरवरी 2022 को 13 साल बाद 38 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई है। (Ahmedabad Blast Case)
india में फांसी का मतलब क्या है?
- कहते हैं कि देश में 9 सितंबर 1947 को पहली फांसी की (सजा-ए-मौत) सजा जबलपुर के सेंट्रल जेल में दी गई थी। कैपिटल पनिशनमेंट या सजा-ए-मौत का मतलब ( meaning of hanging in india) आरोपी को कानूनी तौर से मौत की सजा देना होता है।
- इससे जुड़े नियम इंडियन पीनल कोड (आईपीसी) के सेक्शन 115 और सेक्शन 118 में हैं। इसके अलावा कोड आॅफ क्रिमिनल प्रोसीजर (सीआरपीसी) के सेक्शन 354 (5) में सजा-ए-मौत का जिक्र है। आईपीसी और सीआरपीसी के साथ-साथ भारतीय संसद ने कानूनों में बदलाव कर उनमें भी मौत की सजा का प्रावधान किया है।
किन मामलों में सुनाई जाती है फांसी? (Ahmedabad Blast Case)
- किसी की हत्या करने पर।
- देशद्रोह या देश के खिलाफ जासूसी करने पर।
- बर्बरतापूर्वक रेप करने पर।
- आतंकी गतिविधियों में शामिल होने पर।
कौन से आरोपी रखे गए मुक्त: गर्भवती महिला। मानसिक तौर से पागल लोग। 70 साल से अधिक उम्र वाले। 15 साल से कम उम्र वाले लोग।
फांसी का विरोध करने वालों का तर्क क्या?
एमनेस्टी इंटरनेशनल संस्था का कहना है कि फांसी की सजा जिंदगी जीने के अधिकार का हनन करती है और यह क्रूर, अमानवीय और अपमान जनक सजा है। संस्था का तर्क है, अमेरिका में 1990-2014 तक जिन राज्यों में ज्यादा मौत की सजा हुई है वहां कुल क्राइम में मर्डर रेट 4.75 फीसदी था, जबकि कम मौत की सजा वाले राज्य में मर्डर रेट 3.7 फीसदी था। इस मामले में जो लोग विरोध करते हैं उनका कहना है कि किसी के पास जिंदगी देने का अधिकार नहीं है तो किसी की जिंदगी छीनने का भी अधिकार नहीं होता है।
देश में दया याचिका प्रक्रिया क्या है? (What is mercy petition process)
- गौरतलब है कि दया याचिका की समीक्षा गृह मंत्रालय की ओर से की जाती है। राष्टÑपति के पास जाने से पहले गृह मंत्रालय इसमें शामिल राज्य से विचार-विमर्श करता है। किसी आरोपी को अगर फांसी की सजा मिलती है तो उसके पास सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पीटिशन दाखिल करने का विकल्प होता है।
- सुप्रीम कोर्ट सजा को बरकरार रखता है तो दोषी य उसके रिश्तेदार राष्टपति के पास दया याचिका लगा सकते हैं। शारीरिक फिटनेस, उम्र के आधार पर या दोषी घर का एकमात्र कमाने वाला हो। इसके आधार पर दया याचिका दायर की जा सकती है। राष्टÑपति मौत की सजा पाए किसी भी व्यक्ति को माफी दे सकते हैं। सजा कम कर सकते हैं। राहत दे सकते हैं।
दुनिया के किस देश में कैसे दी जाती है सजा? (In which country of the world how punishment is given)
- दुनिया में 58 देशों में मौत के लिए फांसी देते हैं लेकिन सबसे अधिक 73 देशों में इस सजा को लागू करने के लिए गोली मारी जाती है।
- अफगानिस्तान और सूडान देश में फायरिंग, फांसी और पथराव के जरिए दी जाती है सजा।
- बांग्लादेश, केमरून, सीरिया, युगांडा, कुवैत, ईरान और मिस्र देश में सजा के तौर पर फायरिंग और फांसी देना का रिवाज है।
- भारत, मलेशिया, बारबाडोस, बोत्सवाना, तंजानिया, जाम्बिया, जिंबाब्बे और दक्षिण कोरिया में आरोपियों को फांसी दी जाती है।
- यमन, टोगो, तुर्कमेनिस्तान, थाइलैंड, बहरीन, चिली, इंडोनेशिया, घाना और अर्मीनिया में फायरिंग के तरीके से दी जाती है सजा।
- चीन में आरोपियों को इंजेक्शन और फायरिंग के जरिए सजा दी जाती है।
- फिलीपींस देश में (सजा में) इंजेक्शन दिया जाता है आरोपियों को।
- सउदी अरब में आरोपियों को सिर काटकर और गोली मारकर सजा दी जाती है।
- अमेरिका में आरोपियों को इलेक्ट्रोक्यूशन, फांसी, फायरिंग और इंजेक्शन लगाकर सजा दी जाती है।
फांसी से जुड़ी खास बातें: फांसी की सजा केवल कुछ अपराधों के लिए दी जाती है। सार्वजनिक रूप से फांसी बिल्कुल खत्म कर दी गई है। फांसी देने के लिए कष्टदायक तरीके नहीं अपनाए जाते हैं। कहते हैं कि मृत्युदंड कोर्ट के आदेश पर केवल शासन सत्ता द्वारा दिया जाता है। सैन्य अदालत मौत की सजा फांसी या गोली मारकर किसी भी तरीके से दे सकती है।
Ahmedabad Blast Case
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