नई दिल्ली।(Opposition parties termed the President’s address as BJP’s manifesto) मंगलवार को संसद में केंद्र द्वारा आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया गया। संसद के बजट सत्र से पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने पहली बार दोनों सदनों के संयुक्त बैठक में अपना अभिभाषण दिया। अभिभाषण में राष्ट्रपति ने मोदी सरकार की जमकर तारीफ की। इसके बाद ही विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण को 2024 के आम चुनाव के लिए बीजेपी का घोषणापत्र बताया। विपक्ष ने कहा कि इसमें सांप्रदायिक सौहार्द और महिलाओं से जुड़े महत्वपर्ण मुद्दों का जिक्र तक नहीं। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की पार्टी भारत राष्ट्र समिति और आम आदमी पार्टी ने राष्ट्रपति मुर्मु के अभिभाषण का बहिष्कार किया।वहीं कांग्रेस ने कहा कि यह बयान सरकार का है जो राष्ट्रपति के माध्यम से दिलवाया गया है और इस अभिभाषण कुछ भी नया नहीं है।
वहीं कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने राष्ट्रपति मुर्मु के अभिभाषण को सरकार का प्रोपेगेंडा कहा है। तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन के मुताबिक, राष्ट्रपति के अभिभाषण से रोजगार और महिला आरक्षण जैसे प्रमुख मुद्दे गायब ही रहे। बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने कहा जनता की जेब खाली है लेकिन कुछ लोगों के हाथों में देश की सारी पूंजी सिमट गई है जो देश की प्रगति के लिए बाधक है।
वहीं विपक्ष के इन आरोपों पर जवाब देते हुए बीजेपी ने कहा कि विपक्ष का बयान, हमारे देश की राष्ट्रपति का अपमान है। बीजेपी नेता और पूर्व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राजनीतिक विरोध की भी एक सीमा होती है उनका विरोध करने का एक दायरा होता है और इसीलिए विपक्षी दलों के लिए कुछ मानदंडों को बनाए रखना जरूरी है लेकिन कुछ लोगों ने इसे हमारे संसदीय लोकतंत्र के सबसे निचले स्तर पर ला दिया है विशेषकर तेलंगाना की बीआरएस और आप पार्टी ने जिन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया।
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