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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
CBI Raid on Amrapali Group : अर्से से मुश्किल दौर से गुजर रहे आम्रपाली बिल्डर के खिलाफ सीबीआई ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। आज सीबीआई ने बिल्डर अनिल शर्मा के खिलाफ छापामारी की। आम्रपाली स्मार्ट सिटी डेवलपर्स के डायरेक्टर अनिल शर्मा पर छापेमारी की यह कार्रवाई 472 करोड़ रुपये की ठगी के संबंध में हुई है।
छापामारी की कार्रवाई को कंपनी के अन्य डायरेक्टरों के यहां भी अंजाम दिया गया है। सेंट्रल ब्यूरो आफ इन्वेस्टिगेशन ने गुरुवार को तीन आरोपी निदेशकों के परिसरों सहित दिल्ली-एनसीआर में आठ स्थानों पर तलाशी ली। (CBI Raids Against Builder Anil Sharma) सीबीआई ने कंपनी और इसके निदेशकों-अनिल कुमार शर्मा, शिव प्रिया और अजय कुमार के खिलाफ तत्कालीन कॉपोर्रेशन बैंक (अब यूनियन बैंक आफ इंडिया), ओरिएंटल बैंक आफ कॉमर्स (अब पंजाब नेशनल बैंक) और यूनियन बैंक आफ इंडिया के एक कंसोर्टियम को कथित तौर पर 472।24 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाने के मामले में प्राथमिकी दर्ज की है। एजेंसी ने कंपनी के आॅडिटर अमित मित्तल के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। शर्मा, शिव प्रिया और कुमार जेल में हैं।
अनिल शर्मा बैंकों को लौटाना ही नहीं चाहते थे। यही वजह है कि शुरू से ही कंपनी ने पेमेंट में गड़बढ़ करनी शुरू कर दी। री-पेमेंट नहीं होने के कारण बाद में इस लोन को एनपीए घोषित कर दिया गया। (CBI Raids Against Builder Anil Sharma) बैंकों का कहना है कि जुलाई 2019 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक आम्रपाली ग्रुप ने डमी कंपनी बनाकर होमबायर्स के पैसे को डायवर्ट करने का काम किया। पैसे को डायवर्ट करने के लिए बोगस बिल बनाए गए, गलत तरीके से फ्लैट बेचे गए, कम कीमत पर फ्लैट बेचे गए और ब्रोकरेज के लिए बहुत ज्यादा कीमत चुकाई गई।
नोएडा के एक बिल्डर ने एक अमेरिकी बैंक के साथ मिलकर कम से कम 45,000 होम बायर को करोड़ों रुपए का चूना लगाया। नोएडा के आम्रपाली ग्रुप के बारे में जानकारी मिली है कि उसने मुनाफा कमाए बिना फर्जी कंपनियों को डिविडेंड देने जैसे कदम उठाये थे। (CBI Raids Against Builder Anil Sharma) यह वास्तव में फ्लैट बनाने के लिए जुटाए गए फंड को किसी अन्य उद्देश्य से डायवर्ट करने का मामला है।
कोर्ट ने कहा है कि बिल्डर ने खरीदारों से एडवांस लेकर 2,000 करोड़ रुपए से ज्यादा रकम जमा की। जितनी आवासीय यूनिट बननी थीं, उसके लिए यह रकम काफी थाए लेकिन बिल्डर ने इस रकम को कहीं और ट्रांसफर कर दिया। आम्रपाली ग्रुप पर यह भी आरोप है कि अमेरिकी इन्वेस्टमेंट बैंक जेपी मॉर्गन ने भी इसमें निवेश किया था।
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