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Center Gave Privileges To BSF केंद्र ने दिए बीएसएफ को विशेषाधिकार, दो राज्यों को आपत्ति

BY: Bharat Mehndiratta • LAST UPDATED : October 14, 2021, 12:07 pm IST
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Center Gave Privileges To BSF केंद्र ने दिए बीएसएफ को विशेषाधिकार, दो राज्यों को आपत्ति

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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
मोदी सरकार ने सीमा पार से हो रही नशे की तस्करी और घुसपैठ पर लगाम कसने के लिए नया प्लान बनाया है। जिसमें सीमा सुरक्षा बल का दायरा बढ़ता हुए खास अधिकार भी दे दिए हैं। सुरक्षा बलों के हाथों में अब पाकिस्तान और बांग्लादेश की सीमाओं की निगहेबानी सौंप दी गई है। जो अब सीमा से सट्टे 50 किलोमीटर तक के एरिया में गश्त कर सकेगी। यही नहीं, आतंकवाद व नशीले पदार्थों के साथ-साथ अब इन्हें सामान जब्त करने से लेकर आरोपी को हिरासत में लेने तक का अधिकार मिल गया है।

संदिग्धों पर शिकंजा कसने के लिए अब बीएसएफ को किसी भी प्रशासनिक अधिकारी की अनुमति भी नहीं लेनी पड़ेगी। यही नहीं पासपोर्ट एक्ट, एनडीपीएस, सीमा शुल्क से जुड़ी शक्त्तियां भी इसे अब मिल गई हैं। केंद्र सरकार के इस फैसले पर विरोध के सुर भी फूटने शुरू हो गए हैं। पंजाब के सीएम ने इसे सूबे के साथ छलाव करार देते हुए कहा है कि मोदी सरकार बीएसफ के बहाने पंजाब पर नियंत्रण करना चाहती है। वहीं पश्चिम बंगाल के एक मंत्री ने इसे संघीय ढांचे की उल्लंघना बताया है।

BSF को मिले नए आदेशों में क्या?

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीमा सुरक्षा बल के अधिकारों को विस्तार देते हुए BSF एक्ट 1968 की धारा 139 (1) के तहत किए दायरें में रहते हुए किया है। जिसमें कुछ राज्यों में सीमा का दायरा बढ़ाया गया है तो कहीं कम किया गया है। इस फैसले से देश विरोधी ताकतों पर लगाम लगाई जा सकेगी। वहीं सीमावर्ती क्षेत्रों में न सिर्फ आसामाजिक तत्वों पर नकेल कसेगी वहीं घुसपैठ के कोशिशें भी थमेंगी।

इन राज्यों में देश की सीमा की बागडोर BSF के हाथ

बीएसएफ की तैनाती और अधिकारों का यह फैसला वास्तव में देश की सीमाओं को और अधिक सुरक्षित करने से जुड़ा है। जिसमें यह वो 12 प्रदेश शामिल हैं जहां सुरक्षा बल सीमा की रखवाली करते हुए संदिग्धों पर भी पैनी नजर रखेंगे जिनमें गुजरात, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, असम, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय, केंद्रशासित जम्मू-कश्मीर और लद्दाख शामिल हैं। इनमें से असम, पश्चिम बंगाल और पंजाब 3 ऐसे हैं प्रदेश हैं जहां BSF पहले मात्र 15 किलोमीटर के दायरे में ही कार्रवाई कर सकती थी जो अब 50 किलोमीटर कर दी गई है। जहां अब सेना से जुड़े अधिकारी बिना मजिस्ट्रेट आदेशों के अपना काम करने में सक्षम होंगे।

वहीं मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय समेत जम्मू कश्मीर और लद्दाख में आपरेशन कर सकती है। गुजरात की बात करें तो यहां सीमा सुरक्षा बल का 30 किलोमीटर घटा कर 50 किलोमीटर कर दिया है। तय किए गए दायरे में सुरक्षा की जिम्मेदारी BSF की रहेगी, इसके बाद वाले क्षेत्र में यह स्थानीय पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियों की तय की गई है।

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