संबंधित खबरें
‘किस हद तक गिरोगे कुमार विश्वास’ सोनाक्षी सिन्हा पर भद्दा कमेंट करके बुरा फंसे ‘युगकवि’! सुप्रिया श्रीनेत ने लताड़ा
PM Modi ने 71 हजार युवाओं को बांटें Appointment Letters, जानें, किन सरकारी विभागों में हुई बंपर भर्ती ?
18 साल की उम्र में उठा ली AK-47… जाने कैसे मिली यूपी पुलिस को तीनों आतंकियों की खबर, क्या थे ऑपरेशन के मुख्य पॉइंट्स?
चैन की नींद सो रहे थे मासूम और…रात के अंधेरे में मौत ने कर दिया तांडव, वीडियो देख कांप जाएगी रूह
अतुल सुभाष जैसा मामला आया सामने, पत्नी और ससुराल वालो से परेशान था शख्स, हाईकोर्ट ने मामले को बताया पति के साथ 'क्रूरता'
पहले सीएम पद फिर विभाग और अब…महायुति में नहीं थम रही खींचतान, जाने अब किसको लेकर आमने-सामने खड़े हुए सहयोगी
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली, (Congress MLA On Kartvyapath): कांग्रेस के विरोध के बावजूद पार्टी के कुछ विधायक नई दिल्ली स्थित ऐतिहासिक राजपथ को ‘कर्तव्यपथ’ में बदलने के समर्थन में उतरे हैं। केंद्र सरकार के इस कदम की उन्होंने तारीफ की है। गौरतलब है कि केंद्र की मोदी सरकार ने राजपथ को अंग्रेजी हुकूमत के समय का नाम बताते हुए अब इसका नाम ‘कर्तव्यपथ’ कर दिया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल ही सेंट्रल विस्टा का उद्घाटन किया था।
ये भी पढ़े : सोनाली फोगाट हत्याकांड में गोवा सरकार ने रेस्तरां कर्लीज क्लब पर चलवाया बुलडोजर
हिमाचल प्रदेश से कांग्रेस विधायक व राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वीरभद्र सिंह के बेटे ने राजपथ को ‘कर्तव्यपथ’ में बदलने के केंद्र की मोदी सरकार के फैसले का स्वागत किया है। वह इस फैसले से खुश हैं। उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट में लिखा, अंग्रेजों का राज चला गया और उनका हर इमारत पर भी नाम बदला जाना चाहिए।
कांग्रेस से हाल ही में त्यागपत्र दे चुके पार्टी के पूर्व प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने भी कर्तव्यपथ के फैसले को सरकार का बेहतर कदम बताया है। उन्होंने कहा है कि राजपथ से कर्तव्यपथ नाम बदलने का फैसला अच्छा है। यह इस बात की याद दिलाता है कि जन सेवा का मूल सार शासन का अधिकार नहीं, बल्कि सेवा का कर्तव्य है।
पीएम मोदी के सेंट्रल विस्टा के उद्घाटन के बाद विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि कि यह एक पुरानी सड़क है और इसका विस्तार व सौंदर्यीकरण किया गया है। उन्होंने कहा, यह कोई नई जमीन का अधिग्रहण अथवा विस्तार की हुई सड़क नहीं है। उद्घाटन समारोह में कांग्रेस के अलावा अन्य विपक्षी दलों का भी कोई बड़ा नेता नजर नहीं आया। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि कांग्रेस नेता कार्यक्रम आमंत्रित किए गए थे या नहीं।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने भी कांग्रेस को झटका दिया है। विपक्षी एकता की वकालत करने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इन प्रयासों को झटका देते हुए उन्होंने खुद लेफ्ट व कांग्रेस जैसे विपक्षी दलों के साथ हाथ मिलाने से परहेज के संकेत दिए हैं। बता दें कि हरियाणा में होने वाली एक रैली में ममता के भी शामिल होने की भी संभावना थी, लेकिन इससे पहले उन्होंने कांग्रेस व अन्य दलों से दूर रहने के संकेत देकर नीतीश के विपक्षी एकता के प्रयासों को झटका दिया है।
एक बैठक में ममता ने नीतीश की ही तरह विपक्षी एकता की वकालत जरूर की, लेकिन उन्होंने जिन दलों के नाम लिए उनमें मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ही गायब रही। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार और हेमंत सोरेन के अलावा राजद के तेजस्वी यादव, समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव व अन्य नेता बीजेपी को 2024 में सत्ता से बेदखल करने के लिए टीएमसी का साथ देंगे।
कांग्रेस के अगला अध्यक्ष को लेकर अभी संशय बरकरार है। रेस में पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम लिया जा रहा था। हालांकि, वह यह जिम्मेदारी संभालने से इनकार करते रहे हैं। अब कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कद्दावर नेता मुकुल वासनिक को मध्य प्रदेश के प्रभारी महासचिव की जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया है।
वह कांग्रेस महासचिव बने रहेंगे। उनकी जगह दिल्ली के मशहूर नेता जेपी अग्रवाल को एमपी का प्रभार दिया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि अशोक गहलोत के चुनाव लड़ने से इन्कार करने पर मुकुल वासनिक को नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए आगे किया जा सकता है।
ये भी पढ़े : दिल्ली में ढही चार मंजिला इमारत, 3 मजदूरों की मौत, कई के दबे होने की आशंका
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.