संबंधित खबरें
हिमंत सरकार ने की बड़ी कार्रवाई, असम में 24 घण्टें में 416 लोगों को किया गया गिरफ्तार, बाकी राज्यों के लिए बना रोल मॉडल
कांग्रेस के बुरे दिन बरकरार! हरियाणा, महाराष्ट्र के बाद इस राज्य से आई बुरी खबर, सहयोगी ने ही दे दिया बड़ा घाव
विपक्ष के लगातार अमित शाह पर किए जा रहे हमलों का बीजेपी ने निकाला तोड़, पार्टी जल्द शुरू करेगी ये काम, कांग्रेस और सपा की उड़ने वाली है नींद
'वीटो लगाने की अनुमति नहीं देगा…' जाने बिना नाम लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने किस देश की लगा दी क्लास?
जंगल में मिला 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपए, आखिर किसने छुपाई करोड़ों की संपत्ति, जब पुलिस को पता चला तो फटी रह गई आंखें
अपने पापों का प्रायश्चित करेंगे एकनाथ शिंदे? अचानक उठाया ऐसा कदम, महाराष्ट्र की राजनीति में आ गया भूचाल, भाजपाइयों के उड़ गए होश
S Jaishankar Remark Over Indira And Rajiv Gandhi: केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज मंगलवार, 21 फरवरी ने अपने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि इंदिरा गांधी ने उनके पिता डॉक्टर के सुब्रह्मण्यम को केंद्रीय सचिव के पद से हटा दिया था। उन्होंने कहा कि उनके पिता की जगह राजीव गांधी ने उनसे जूनियर आदमी को नियुक्त कर दिया था।
एस जयशंकर ने समाचार एजेंसी ANI को इंटरव्यू में बताया कि वह नौकरशाहों के परिवार से हैं। 2019 में अप्रत्याशित तौर पर उनके पास केंद्रीय मंत्री बनने का अवसर आया। साल 1980 में सत्ता में वापसी करने के तुरंत बाद पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उनके पिता सुब्रह्मण्यम को रक्षा उत्पादन सचिव के पद से निकाल दिया था। उन्होंने बताया कि पिता के निधन के बाद वह सरकार के सचिव बने थे।
केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, “मैं सबसे अच्छा विदेश सेवा अधिकारी बनना चाहता था। मेरी नजर में सबसे अच्छे के परिभाषा एक विदेश सचिव के रूप में थी। मेरे घर में भी यही मानना था, इसे दबाव नहीं कहूंगा लेकिन हम सब उस तथ्य से अवगत थे कि मेरे पिता, जो एक नौकरशाह थे, सचिव बन गए थे लेकिन उन्हें सचिव पद से हटा दिया गया था। उस समय 1979 में जनता सरकार में वह संभवत: सबसे कम उम्र के सचिव बने थे। 1980 में वह रक्षा उत्पादन सचिव थे। 1980 में जब इंदिरा गांधी फिर से चुनी गईं तब वह पहले सचिव थे, जिन्हें उन्होंने हटाया था। वह सबसे विद्वान पुरुष थे, रक्षा विभाग में हर कोई यह बता देगा।”
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “तथ्य यह है कि एक व्यक्ति के रूप में उन्होंने नौकशाही में अपना करियर देखा, वास्तव में जो बाधित था और उसके बाद, वह कभी दोबारा सचिव नहीं बने। उन्हें राजीव गांधी काल के दौरान किसी ऐसे जूनियर व्यक्ति के लिए पद से हटा दिया गया था जो कैबिनेट सचिव बन गया था। यह कुछ ऐसा था जो उन्होंने महसूस किया था। हमने शायद ही कभी इस बारे में बात की हो। इसलिए जब मेरे बड़े भाई सचिव बने तो उन्हें बहुत-बहुत गर्व हुआ था।”
Also Read: धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के भाई के खिलाफ दर्ज हुई FIR, शादी में गाली-गलौज करते आए थे नजर
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.