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इंडिया न्यूज़, Varanasi News : वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के न्यायालय द्वारा आदेशित वीडियोग्राफी सर्वेक्षण का तीसरा दिन सोमवार सुबह कड़ी सुरक्षा और वैशाख पूर्णिमा के लिए मंदिर में आने वाले भक्तों की भारी भीड़ के बीच शुरू हुआ। वाराणसी के पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश ने कहा, “न्यायालय आयोग तीसरे दिन ज्ञानवापी मस्जिद सर्वेक्षण कर रहा है।
हमने आज वैशाख पूर्णिमा पर काशी विश्वनाथ मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ को प्रबंधित करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की है।” जहां तक सर्वे की बात है तो दोनों पक्षों के वकील, पुलिस अधिकारी, जिलाधिकारी और सर्वे से जुड़े सरकारी अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं।
यह सर्वेक्षण मस्जिद अधिकारियों की आपत्तियों के बावजूद सर्वेक्षण जारी रखने के वाराणसी सिविल कोर्ट के आदेश के अनुसार किया जा रहा है। अदालत ने साइट का सर्वेक्षण और वीडियोग्राफी करने के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति की थी और इसे इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष चुनौती दी गई थी, जिसने 21 अप्रैल को अपील को खारिज कर दिया था। उच्च न्यायालय के 21 अप्रैल के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी गई थी।
काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर स्थित श्रृंगार गौरी मंदिर में दैनिक पूजा की अनुमति के लिए पांच महिलाओं ने अदालत में याचिका दायर की थी। उक्त की याचिका पर दीवानी न्यायालय द्वारा परिसर में सर्वेक्षण एवं वीडियोग्राफी कराने का आदेश आया है।
एक अन्य याचिका, जो एक विजय शंकर रस्तोगी द्वारा दायर की गई थी उसने तर्क दिया था कि पूरा परिसर काशी विश्वनाथ का है और ज्ञानवापी मस्जिद केवल मंदिर का एक हिस्सा है, यह भी 1991 से अदालत में लंबित है। रस्तोगी ने यह भी दावा किया था कि काशी विश्वनाथ मंदिर दो हजार साल पहले बनाया गया था और मंदिर को मुगल सम्राट औरंगजेब ने ध्वस्त कर दिया था।
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