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इंडिया न्यूज, Gyanvapi Masjid Case Updates: वाराणसी के ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले पर कोर्ट ने कहा है कि आगे भी सुनवाई अभी जारी रहेगी। जी हां, इस बारे में वाराणसी जिला कोर्ट ने कहा कि यह केस सुनने लायक है। कोर्ट ने हिंदू पक्ष की दलीलों को स्वीकार कर लिया है और दूसरे पक्ष यानि मुस्लिम पक्ष की आपत्तियों को खारिज कर दिया है। अब जिला कोर्ट 22 सितंबर को इस मामले में अगली सुनवाई करेगी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कोर्ट के फैसले के दौरान हिंदू पक्ष के अधिवक्ता हरिशंकर जैन और विष्णु शंकर जैन कोर्ट में मौजूद थे। इस केस में जज ने 62 लोगों को कोर्ट रूम में मौजूद रहने की परमिशन दी थी।
जिला अदालत के आदेश से एक दिन पहले रविवार को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और धारा 144 लगा दी गई थी। पुलिस ने उन क्षेत्रों में बलों को तैनात किया है जहां एक मिश्रित आबादी शहर में रहती है और यह सुनिश्चित करने के लिए गश्त जारी है कि काशी विश्वनाथ के भीतर श्रृंगार गौरी स्थल की पूजा करने की अनुमति देने वाली पांच हिंदू महिलाओं की याचिका पर कोई कानून-व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न न हो।
काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के भीतर श्रृंगार गौरी स्थल की पूजा करने की अनुमति मांगने वाली पांच हिंदू महिलाओं द्वारा याचिका दायर की गई थी। इसके बाद, वाराणसी की एक स्थानीय अदालत ने मई में परिसर के वीडियोग्राफी सर्वेक्षण का आदेश दिया। 16 मई को सर्वे का काम पूरा हुआ और 19 मई को कोर्ट में रिपोर्ट पेश की गई। वीडियोग्राफी सर्वेक्षण के बाद हिंदू पक्ष द्वारा दावा किया गया कि मस्जिद परिसर में शिवलिंग जैसा एक ढांचा मिला है। मस्जिद समिति ने विरोध किया कि यह एक फव्वारा था न कि शिवलिंग।
सुप्रीम कोर्ट ने 20 मई को मामले को एक सिविल जज (सीनियर डिवीजन) से जिला जज के पास स्थानांतरित कर दिया। पीठ ने यह भी कहा कि मुसलमानों के मस्जिद में नमाज या धार्मिक अनुष्ठान करने के लिए प्रवेश करने पर किसी भी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाया जाना चाहिए। मामला मस्जिद प्रबंधन समिति की ओर से दायर एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था।
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