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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
IAS Appointment Proposed Amendment: केंद्र सरकार (IAS Cadre Rules) इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (आईएएस) कैडर नियम 1954 में बदलाव करने जा रही है। बता दें कि इस बदलाव के बाद आईएएस अधिकारियों के ट्रांसफर का पावर (Modi Government) केंद्र सरकार के पास आ जाएगा। इन नियमों में ये भी है कि राज्य सरकार को अगर कोई असहमति होती है तो केंद्र सरकार का ही फैसला लागू होगा। आइए जानते हैं कि क्या है आईएएस की नियुक्ति को लेकर प्रस्तावित बदलाव? किन बातों को लेकर कई राज्य सरकारें कर रही हैं इसका विरोध।
IAS Cadre Rules: केंद्र में नियुक्ति के लिए इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (आईएएस)की पर्याप्त संख्या में उपलब्धता का हवाला देते हुए मोदी सरकार ने आईएएस की नियुक्ति के नियम में संशोधन का प्रस्ताव दिया है। (Central Deputation Rules) केंद्र ने राज्यों से 25 जनवरी तक इस पर प्रतिक्रिया मांगी है।
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने केंद्र में आईएएस अधिकारियों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चत करने के लिए आईएएस अधिकारियों की नियुक्ति के मौजूदा नियम में संशोधन का प्रस्ताव रखा है। डीओपीटी ने 12 जनवरी 2022 को राज्यों को लिखे पत्र में कहा है कि केंद्र सरकार वीएस इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (आईएएस) (कैडर) रूल्स 1954 के रूल 6 में संशोधन करने का प्रस्ताव रखा है।
माना जा रहा है कि केंद्र सरकार 31 जनवरी से शुरू होने वाले संसद के बजट सत्र में इस संशोधन को पेश कर सकती है। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने इस प्रस्तावित संशोधन पर नाराजगी जताई है। महाराष्ट्र और तमिलनाडु भी इसका विरोध कर रहे हैं। एक जनवरी 2021 तक देश में कुल 5200 आईएएस अधिकारी थे, जिनमें से 458 केंद्र में नियुक्त थे।
(posting of IAS and IPS officers) माना जा रहा है कि अगर ये संशोधन पारित हुआ तो इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (आईएएस) और इंडियन पुलिस सर्विस (आईपीएस) अधिकारियों की केंद्र में नियुक्ति के मामले में पूरी पावर केंद्र सरकार के हाथ में चली जाएगी और ऐसा करने के लिए उसे राज्य सरकार की सहमति लेने की आवश्यकता नहीं रह जाएगी। इन्हीं वजहों के कारण बंगाल, तमिलनाडु, केरल और महाराष्ट्र समेत कई राज्यों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है।
मौजूदा नियमों के अनुसार, राज्यों को केंद्र सरकार के कार्यालयों में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारियों सहित अखिल भारतीय सेवा (आईएएस) अधिकारियों की नियुक्ति करनी होती है और किसी भी समय यह कुल कैडर की संख्या का 40 फीसदी से अधिक नहीं हो सकता है।
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