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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
India News Manch PMKSY Scheme extended beyond 5 years : प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को पांच साल के आगे बढ़ाया गया है। पहले यह योजना 2021 तक ही थी। जिसे केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आगे बढ़ाने के लिए मंजूरी दे दी है। सरकार ने इस योजना को 2026 तक बढ़ा दिया है। इस योजना पर 93 हजार 68 करोड़ रुपए खर्च आने का अनुमान है।
यह जानकारी केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने दी। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर इंडिया न्यूज मंच कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे। इस दौरान अनुराग ठाकुर ने बताया कि यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली बैठक में लिया गया। यह फैसला 15 दिसंबर को लिया गया था।
इंडिया न्यूज के मंच से बोलते हुए अनुराग ठाकुर ने बताया कि सीसीईए ने राज्यों के लिये 37,454 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता और पीएमकेएसवाई 2016-21 के दौरान सिंचाई विकास के लिये भारत सरकार द्वारा लिये गये ऋण को चुकाने के सम्बंध में 20,434.56 करोड़ रुपये मंजूर किये हैं।
इसके साथ ही हर खेत को पानी, भूमि, जल व अन्य विकास घटकों को 2021-26 में जारी रखने को भी मंजूरी दी गई। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सिंचाई परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। एआईबीपी के अंतर्गत 2021-26 के दौरान कुल अतिरिक्त सिंचाई क्षमता को 13.88 लाख हेक्टेयर तक करना है।
वहीं अभी चल रही 60 परियोजनाओं को पूरा करने पर ध्यान देना, 30.23 लाख हेक्टेयर कमान क्षेत्र विकास भी शामिल है। यमुना बेसिन में भंडारण की शुरूआत होगी । इसके साथ ही अनुराग ठाकुर ने बताया कि रेणुकाजी बांध परियोजना (हिमाचल प्रदेश) और लखवार बहुउद्देश्यीय परियोजना (उत्तराखंड) नामक दो राष्ट्रीय परियोजनाओं के लिये 90 प्रतिशत केंद्रीय वित्तपोषण का प्रावधान किया गया है।
जिससे इन दोनों परियोजनाएं यमुना बेसिन में भंडारण की शुरूआत करेंगी। इससे यमुना बेसिन के ऊपर 6 राज्यों को फायदा मिलेगा। इतना ही नहीं इसके साथ ही दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, हरियाणा और राजस्थान को जलापूर्ति होगी तथा यमुना के उद्धार की दिशा में प्रगति होगी।
हर खेत तक पानी पहुंचाना भी हमारा लक्ष्य है। जिसे पूरा करने के लिए सरकार लगातार प्रयत्नशील है। एचकेकेपी के तहत लघु सिंचाई और जल स्रोतों के उद्धार-सुधार-बहाली, पीएमकेएसवाई के घटक हैं तथा इनका उद्देश्य है कि अतिरिक्त 4.5 लाख हेक्टेयर रकबे को सिंचाई के दायरे में लाना।
जल स्रोतों के उद्धार के महत्त्व के मद्देनजर, मंत्रिमंडल ने शहरी और ग्रामीण इलाकों में जल स्रोतों को दोबारा जीवित करने के लिये वित्तपोषण को मंजूरी दी है। इस योजना में उन्हें शामिल करने के मानदंडों का विस्तार किया गया है तथा केंद्रीय सहायता को आम क्षेत्रों के हवाले से 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत किया गया है।
इसके अलावा एचकेकेपी के भूजल घटक को भी 2021-22 के लिये अस्थायी रूप से मंजूर किया गया। इसका लक्ष्य है 1.52 लाख हेक्टेयर भूमि के लिये सिंचाई क्षमता विकसित करना। वॉटरशेड विकास घटक का लक्ष्य है वर्षा जल द्वारा सिंचित इलाकों का विकास करना।
इसके लिये मिट्टी और जल संरक्षण, भूजल की भरपाई, मिट्टी बहने को रोकना तथा जल संरक्षण व प्रबंधन सम्बंधी विस्तार गतिविधियों को प्रोत्साहित करना।
भूमि संसाधन विकास के स्वीकृत वॉटरशेड विकास घटक में 2021-26के दौरानसंरक्षित सिंचाई के तहत, अतिरिक्त 2.5 लाख हेक्टेयर भूमि शामिल करने के लिए 49.5 लाख हेक्टेयर वर्षा सिंचित/अनुपजाऊ भूमि को कवर करने वाली स्वीकृत परियोजनाओं को पूरा करने की परिकल्पना की गई है।
कार्यक्रम में स्प्रिंगशेड के विकास के लिए विशेष प्रावधान शामिल किया गया है।
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