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इंडिया न्यूज़, चंडीगढ़:
Navjot Sidhu’s Troubles May Increase पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू पर चुनाव से पहले ही संकट के बादल एक बार फिर से मंडराने लगे हैं। दो बार सजा होने के बाद एक बार फिर 34 साल पहले मामले की फाइल खुलती नजर आ रही है। इस बार केस सुप्रीम कोर्ट में है। जिसकी सुनवाई गुरूवार को होनी है। पीड़ित पक्ष ने हाईकोर्ट के फैसले से नाखुश होकर 1999 में सुप्रीम कोर्ट में पुर्नविचार याचिका लगाई थी। जिसको शीर्ष अदालत ने मंजूर कर लिया था।
घटना दरअसल साल 1988 की है जब वह भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्य हुआ करते थे। तब पटियाला में सिद्धू की गाड़ी की टक्कर एक अन्य कार से हो गई थी। उस समय तैश में आकर सिद्धू ने एक व्यक्ति पर हमला कर दिया था। हालांकि इस दौरान किसी हथियार का इस्तेमाल नहीं किया गया था। लेकिन नवजोत के घूंसा लगने के बाद सामने वाले की मौत हो गई थी। इसी केस में पटियाला पुलिस ने नवजोत सिंह सिद्धू और उनके दोस्त रूपिंद्र सिंह के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था।
अमृतसर से चुनावी ताल ठोक चुके सिद्धू को शीर्ष अदालत ने ही वर्ष 2018 में ही इसी केस में सिर्फ 1 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाते हुए बरी कर दिया था। वहीं निचली अदालत ने भी साल 1999 में नवजोत को बरी करने के आदेश सुना दिए थे। इसके बाद यह मामला हरियाणा-पंजाब हाईकोर्ट में गया जहां सिद्धू को 2006 में तीन साल की सजा सुनाई गई थी। बता दें कि उस समय भारतीय जनता पार्टी से सांसद थे और उन्हें अपने पद से इस्तीफा भी देना पड़ा था। इसके बाद नवजोत ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी।
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