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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Parliament Winter Session किसानों और राज्यसभा से विपक्ष के 12 सांसदों के निलंबन को लेकर गुरुवार को भी संसद के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन गतिरोध बरकरार रहा।
सत्ता पक्ष और विपक्ष अपने-अपने रुख पर कायम रहे जिसके कारण राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। विपक्षी दल एक ओर जहां आंदोलन के दौरान हुई किसानों की मौत के मामले में उनके परिजनों को मुआवजे की मांग कर रहे हैं, वहीं सरकार का कहना है कि किसानों की मौत का उसके पास कोई रिकॉर्ड नहीं है।
12 सांसदों के निलंबन के मामले में सांसदों पर मानसून सत्र में सदन के अंदर अशोभनीय आचरण का आरोप है जिसको लेकर सत्ता पक्ष का कहना है कि वे माफी मांगें, लेकिन निलंबित सांसद माफी मांगने के लिए तैयार नहीं हैं। सत्ता पक्ष ने एक बार फिर कहा कि जब तक सांसद माफी नहीं मांगेंगे तब तक निलंबन की वापसी नहीं होगी।
गौरतलब है कि संसद के सोमवार को आरंभ हुए शीतकालीन सत्र के पहले दिन कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को पिछले मानसून सत्र के दौरान अशोभनीय आचरण करने की वजह से इस सत्र की शेष अवधि के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया।
जिन सांसदों को राज्यसभा से निलंबित किया गया है उनमें माकपा के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलों देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुवेर्दी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं।
राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि इस प्रतिष्ठित सदन के कुछ सम्मानित नेताओं और सदस्यों ने अपने विवेक से 12 सदस्यों के निलंबन को अलोकतांत्रिक बताया। आप अपने कदाचार पर पछतावा नहीं करना चाहते हैं, लेकिन सदन के नियमों के तहत निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार इस सदन के निर्णय को रद्द करने पर जोर देते हैं।
कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के सांसदों ने 12 राज्यसभा सांसदों के निलंबन को लेकर गुरुवार को महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास हाथ पर काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया। बता दे कि बुधवार को भी उन्होंने संसद के बाहर और भीतर दोनों ही जगहों पर एकजुट होकर निलंबन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था।
उधर कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी संसद के हंगामे को लेकर सरकार पर निशाना साधा और कहा कि विपक्ष को बोलने से रोका जा रहा है। सरकार सदन में चर्चा की अनुमति नहीं दे रही है। विपक्षी सांसदों को भी गलत तरीके से निलंबित किया गया है।
तृणमूल कांग्रेस ने गुरुवार को 12 विपक्षी सांसदों के निलंबन सहित विभिन्न मुद्दों पर राज्यसभा से वाकआउट कर दिया है। वहीं कांग्रेस, एनसीपी, आरजेडी, टीआरएस और आईयूएमएल ने महंगाई के मुद्दे पर राज्यसभा से वाकआउट कर दिया।
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