इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
गुजरात में आज प्राकृतिक कृषि सम्मेलन का आयोजन किया गया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा, भारतीय कृषि पद्धति कार्यक्रमों और परंपरागत कृषि विकास योजना के माध्यम से किसानों को आज कई तरह की सुविधाएं संसाधन व सहयोग दिया जा रहा है। योजना के तहत देश में 30 हजार क्लस्टर्स बनाए गए हैं और लाखों किसान इसका फायदा ले रहे हैं। सूरत में कृषि सम्मेलन का आयोजन किया गया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती व्यक्तिगत खुशहाली का मार्ग तो खोलती ही है, इसी के साथ ही ये ‘सर्वे सन्तु निरामया’ की भावना को भी साकार करती है। उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल के मौके पर देश ने ऐसे कई लक्ष्यों पर काम शुरू किया है, जो भविष्य में बड़े पैमाने पर परिवर्तन का आधार बनेंगे। पीएम ने कहा कि अमृतकाल भारत के विकास की गति का आधार ‘सबका प्रयास’ की वो भावना है, जो हमारी इस विकास यात्रा का मार्गदर्शन कर रही है।
मोदी ने बताया कि सूरत की प्रत्येक ग्राम पंचायत में 75 किसानों को चुनने के लिए तालुका, ग्राम व जिला समिति बनाई गई। इस दौरान प्रोग्राम व कार्यशाला के अलावा प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि इतने कम टाइम में 550 से अधिक पंचायतों से 40 हजार से अधिक किसान प्राकृतिक खेती से जुड़े हैं।
मोदी ने कहा कि कुछ महीने पहले गुजरात में प्राकृतिक कृषि के विषय पर नेशनल कान्क्लेव का आयोजिन्त किया गया था। आज फिर सूरत में इस अहम कार्यक्रम इस बात का प्रतीक है कि गुजरात कैसे देश के अमृत संकल्पों को गति दे रहा है। कार्यक्रम में कई ऐसे हितधारकों ने हिस्सा लिया, जिन्होंने प्राकृतिक कृषि अपनाकर इसका लाभ उठाया है।
पीएम ने कहा, हमारा स्वास्थ्य, जीवन व समाज, सबके आधार में हमारी कृषि व्यवस्था ही है। हमारा देश तो संस्कृति और स्वभाव से कृषि आधारित रहा है। इसलिए, जैसे-जैसे हमारी खेती उन्नत व समृद्ध होगी व हमारा किसान आगे बढ़ेगा, वैसे-वैसे हमारा देश भी आगे बढ़ेगा। मोदी ने कहा, भविष्य में आपके अनुभव, कोशिशों से देश के किसान बहुत कुछ सीखें व समझेंगे। सूरत से निकलने वाला प्राकृतिक खेती का माडल, वह पूरे देश के लिए माडल बन सकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा, आज देश में गंगा किनारे प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए अलग से सरकारी की ओर से अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत कॉरिडोर बनाया जा रहा है। मोदी ने कहा कि देश की लगभग 10 लाख हेक्टेयर जमीन कवर की जाएगी। उन्होंने कहा, हमने प्राकृतिक खेती के सामाजिक, सांस्कृतिक और इकोलॉजी से जुड़े प्रभावों को देख इसे नमामी गंगे परियोजना से भी जोड़ा है। प्राकृतिक खेती की उपजों की बाजार में अलग से मांग होती है और उसका दाम भी ज्यादा मिलता है।
उन्होंने कहा, डिजिटल इंडिया मिशन में देश बुलंदियां छू रहा है और इस संबंध में असाधारण कामयाबी उन लोगों को जवाब है जो गांवों में परिवर्तन दूर की बात कहते थे। पीएम ने कहा, हमारे गांवों ने दिखाया है कि गांव न केवल बदलाव ला सकते हैं बल्कि वे बदलाव की लीडरशिप भी कर सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज पूरी दुनिया निरंतर व शुद्ध जीवन शैली की बात कर रही है। यह एक क्षेत्र है जिधर भारत के पास हजारों साल का अनुभव व ज्ञान है। उन्होंने कहा, हमने सदियों तक इस दिशा में दुनिया का नेतृत्व किया है।
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