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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने सिविल सेवा दिवस पर आज देश के लोक सेवकों को संबोधित किया। नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत में उन्होंने कहा, आप सभी कर्मयोगियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
अधिकारियों को तेज गति से बदलती दुनिया में समय के मुताबिक चलने की सलाह देते हुए मोदी ने इस अवसर पर तीन लक्ष्य बताए। उन्होंने कहा, हम एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में है और हमारा पहला लक्ष्य यह होना चाहिए देश में सामान्य से सामान्य मानवीय जीवन में बदलाव आए, उसके जीवन में सुगमता आए और उसे इसका एहसास भी हो।
पीएम ने कार्यक्रम के दौरान लोक प्रशासन के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने व अहम भूमिका निभाने वाले अधिकारियों को सम्मानित भी किया। उन्होंने कहा, आज जिन साथियों को अवॉर्ड मिले हैं, उन्हें, उनकी पूरी टीम व उस राज्य को भी मेरी तरफ से बहुत-बहुत बधाई।
मोदी ने सिविल सेवकों (civil servants) से कहा, हमारा दूसरा लक्ष्य यह होना चाहिए कि आज हम कुछ भी करें, उसे वैश्विक संदर्भ में करना समय की मांग है। इसी के साथ तीसरा लक्ष्य यह हो कि हम व्यवस्था में कहीं पर भी हों, पर जिस सिस्टम से हम निकले हैं, उसमें हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी देश की अखंडता और एकता है।
प्रधानमंत्री (Prime Minister) ने कहा, अगर मुमकिन हो तो वे आजादी के इस अमृत काल में लोक सेवक अपने जिले के पूर्व कलेक्टरों से जरूरत मुलाकात करें। इसके अलावा राज्यों में जो मुख्य अथवा कैबिनेट सचिव रहे हैं उन्हें बुला लें। पीएम ने कहा कि इन पूर्व लोक सेवकों को याद व सम्मानित करने वाला विषय बन जाएगा।
मोदी ने कहा, आप जैसे साथियों (civil servants) से लगभग 18-20 साल से मैं इसी तरह बात कर रहा हूं। उन्होंने कहा, पहले मुख्यमंत्री और अब मैं बतौर प्रधानमंत्री आपसे बात कर रहा हूं। इस वजह से एक तरह से कुछ मैं आपसे सीखता हूं और कुछ अपनी बातें आप तक पहुंचा पाता हूं। मोदी ने कहा, ऐसा आयोजन नियमित प्रक्रिया नहीं है और मैं इसे विशेष समझता हूं। विशेष इसलिए क्योंकि जब देश आजादी के 75 साल मना रहा है, तब हम यह समारोह मना रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के विकास में सिविल सर्वेंट (civil servant) महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बता दें कि सिविल सेवा (Civil Services) में न्यायपालिका, विधायिका और सैन्य कर्मी शामिल नहीं हैं। सामूहिक रूप से देश के प्रशासनिक कार्यों को सुचारू तरीके से चलाने वाले सिविल सेवा के क्षेत्र में अधिकारी किसी भी राजनीतिक दल के प्रति वचनबद्ध नहीं होते हैं।
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