इंडिया न्यूज़, चंडीगढ़:
Relief to Bikram Majithia अंडरग्राउंड हुए अकाली नेता ने अब गिरफ्तारी से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। जहां से उसे 31 जनवरी तक राहत मिल गई है। शीर्ष अदालत ने मजीठिया की अग्रिम जमानत याचिका मंजूर करते हुए पंजाब सरकार को फरमान सुनाया है कि वह उसे निर्धारित तारीख तक गिरफ्तार न करे। बता दें कि मजीठिया की अग्रिम जमानत हरियाणा- पंजाब हाईकोर्ट में दी गई थी। जिसे दो बार बढ़ाया गया था, तीसरी बार जमानत अवधि बढ़ाने के लिए दलील दी तो कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था। उसके बाद क्राइम ब्रांच (Mohali Crime Branch) ने अकाली नेता के ठिकानों पर दबिश दी थी लेकिन वह नहीं मिले।
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने 24 जनवरी को मजीठिया की जमानत याचिका रद्द कर दी थी, जिसके बाद अकाली नेता को गिरफ्तारी से बचने के लिए तीन दिन के अंदर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करनी थी। लेकिन मजीठिया ने सात दिन का समय मांगा था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब सुप्रीम कोर्ट ने ब्रिकम मजीठिया की जमानत याचिका मंजूर कर ली है और सोमवार को याचिका पर शीर्ष अदालत सुनवाई करेगा। तब तक के लिए पंजाब सरकार अकाली नेता के खिलाफ कार्रवाई न करे ऐसे आदेश सुप्रीम कोर्ट ने सुुनाए हैं।
हाईकोर्ट ने अपने विस्तृत आदेशों में कहा कि (drugs racket) एनडीपीएस एक्ट की धारा 37 में बेल नहीं दी जा सकती। अपने आदेशों में उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि अगर तीन दिन के अंदर मजीठिया सुप्रीम कोर्ट में अपील नहीं करते तो उन्हें पंजाब पुलिस कार्रवाई कर सकती है। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि नशा तस्करी मामले में सीलबंद रिपोर्ट हमारे पास आ चुकी है जो कि एसआईटी (Punjab Police SIT) ने दी है। इस लिए बिक्रम मजीठिया की यह दलील सरासर आधारहीन है कि उन पर एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती।
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