संबंधित खबरें
भरी महफिल में Rahul Gandhi के चेहरे पर दिखा हारे हुए हरियाणा का दर्द? Video में कही ऐसी बात…गूंजने लगे ठहाके
Mulayam Singh Birth Anniversary: 'बेटा छोड़ जा रहा हूं…', जनता से मुलायम सिंह ने कही ऐसी कौन सी बात, बदल गई अखिलेश यादव की जिंदगी?
अस्पताल के शौचालय में पैदा हुआ बच्चा, दर्द से तड़पती रही मां, हैवान बनकर आया कुत्ता और मुंह में दबाकर…
नेपाल के अलावा इन देशों के नागरिक भारतीय सेना में दिखाते हैं दमखम, जानें किन देशों की सेना में एंट्री नहीं
‘केंद्रीय अर्धसैनिक बल, CISF और पुलिस के जवान पैसे लेते हैं तो…’ रिश्वत लेने वालों पर CM Mamata ने ये क्या कह दिया?
चलती बस से कूदी लड़की, बस में फैली यौन शोषण की…महिला के मेडिकल से हुआ बड़ा खुलासा
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Skymet Weather Forecast Update मानसून इस बार सामान्य रहेगा। जून में इसकी बेहतर शुरुआत होने की संभावना है। मौसम का पूवार्नुमान लगाने वाली प्राइवेट एजेंसी स्काईमेट ने यह जानकारी दी है। इसके मुताबिक इस साल मानसून सामान्य यानी चार महीने में बारिश 98 प्रतिशत होगी। अमूमन जून से सितंबर के बीच भारत में 880.6 मिलीमीटर बारिश होती है। इस साल यह इसी मात्रा का 98 फीसदी हो सकता है।
स्काईमेट के अनुमान में कहा गया है कि बारिश में 5 फीसदी की कमी या बढ़ोतरी रहने के आसार हैं। बता दें कि 96 फीसदी से 104 फीसदी बारिश को सामान्य कहा जाता है। एजेंसी ने कहा है कि फूड बाउल के नाम से मशहूर मध्य प्रदेश-उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में सामान्य से भी ज्यादा बारिश होने का अनुमान है। वहीं गुजरात में सामान्य से कम बारिश होगी। राजस्थान और गुजरात के साथ-साथ पूर्वोत्तर क्षेत्र के नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में पूरे सीजन में बारिश कम ही होगी। वहीं केरल और कर्नाटक में भी जुलाई-अगस्त में कम बारिश होगी।
पूर्वानुमान के अनुसार देश भर में बारिश के सीजन का पहला हिस्सा, बाद वाले की तुलना में बेहतर रहेगा। जून में मानसून की अच्छी शुरूआत होने की संभावना है। स्काईमेट ने पिछले साल 907 मिलीमीटर बारिश होने की संभावना जताई थी। इस बार इसे 862.9 मिमी का आंकड़ा दिया है। अगर एजेंसी का अनुमान सही साबित होता है तो भारत में लगातार चौथे साल ये अच्छा मानसून होगा।
पिछले 2 मानसून सीजन में बैक-टु-बैक ला नीना का असर था। इससे पहले सर्दियों के मौसम में ला नीना तेजी से घटने लगा था, लेकिन पूर्वी हवाओं के तेज होने से इसकी वापसी रुक गई है। हालांकि प्रशांत महासागर की ला नीना, दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत से पहले तक प्रबल होने की संभावना है, इसलिए आमतौर पर मानसून को बिगाड़ने वाले अल नीनो के होने से इनकार किया है।
क्रिस्टोफर व्रेन ने 1662 में ब्रिटेन में पहला रेन गेज बनाया था। यह एक बीकर या ट्यूब के आकार का होता है जिसमें रीडिंग स्केल लगा होता है। इस बीकर पर एक फनल होती है, जिससे बारिश का पानी इकट्ठा होकर बीकर में आता है। बीकर में पानी की मात्रा को नापकर ही कितनी बारिश हुई है ये पता लगाया जाता है। ज्यादातर रेन गेज में बारिश मिलीमीटर में मापी जाती है।
Skymet Weather Forecast Update
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.