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कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें देश का धरोहर माना जाता हैं इन्ही में से एक थे श्याम सरन नेगी जिन्होंने आजाद भारत में सबसे पहले वोट डाला था। बता दें आजाद भारत के पहले मतदाता श्याम सरन नेगी का आज सुबह निधन हो गया. हिमाचल प्रदेश के किन्नौर के रहने वाले नेगी 106 साल के थे. उन्होंने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए 2 नवंबर को अपना डाक मतपत्र के जरिए वोट डाला था. डीसी किन्नौर आबिद हुसैन का कहना है कि जिला प्रशासन सबसे बुजुर्ग मतदाता के अंतिम संस्कार की व्यवस्था कर रहा है. उन्हें सम्मानपूर्वक विदा करने की पूरी व्यवस्था की जा रही है.
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की कुल 68 सीटों के लिए एक ही चरण में 12 नवंबर को मतदान होगा और 8 दिसंबर को मतगणना की जाएगी. इससे पहले 80 साल से ज्यादा उम्र और दिव्यांग वोटर्स की सुविधा के लिए पोस्टल बैलेट पेपर के माध्यम से मतदान करवाया जा रहा है. पहले चरण में यह मतदान 1 से 3 नवंबर हुआ. इसी बीच 2 नवंबर को ही देश के पहले मतदाता नेगी ने अपना वोट डाला.
चुनाव अधिकारियों ने 106 साल के मतदाता के घर में ही डाक बूथ बनाया था और उनके लिए रेड कारपेट बिछाया था. इस दौरान जिला निर्वाचन अधिकारी आबिद हुसैन ने बुजुर्ग मतदाता को टोपी और मफलर भेंट कर सम्मानित किया गया. 33 बार वोट डाला स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता के तौर पर मशहूर नेगी को भारतीय लोकतंत्र का लीविंग लीजेंड भी कहा जाता था. अपने सुदीर्घ जीवन में उन्होंने 33 बार वोट दिया. बैलेट पेपर से ईवीएम का बदलाव भी देखा. इस विधानसभा के लिए भी उन्हें मतदान के दिन का बेसब्री से इंतजार था.
नेगी ने एक बार बताया था, “मुझे ड्यूटी के तहत अपने गांव के पड़ोस वाले गांव के स्कूल में चुनाव कराना था. लेकिन मेरा वोट अपने गांव कल्पा में था. मैं एक रात पहले अपने घर आ गया था. कड़कड़ाती ठंड में सुबह 4 बजे उठकर तैयार हो गया. सुबह 6 बजे अपने पोलिंग बूथ पर पहुंच गया. तब वहां कोई वोटर नहीं पहुंचा था. मैंने वहां पोलिंग कराने वाले दल का इंतज़ार किया. वे आए तो मैंने उनसे अनुरोध किया कि मुझे जल्दी वोट डालने दें, क्योंकि इसके बाद मुझे 9 किलोमीटर दूर पड़ोस के गांव मूरांग जाकर वहां चुनाव कराना था. उन लोगों ने मेरी मुश्किल और उत्साह को समझ लिया. इसलिए मुझे निर्धारित समय से आधा घंटा पहले साढ़े छह बजे ही वोट डालने दिया. इस तरह मैं देश का पहला वोटर बन गया.
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