19 मिनट 34 सेकंड के वायरल वीडियो के बाद अब सोशल मीडिया पर एक नया वीडियो 5 मिनट 39 सेकंड की क्लिप के रूप में आया है, जो ऑनलाइन हाहाकार मचा रहा है. यह कथित MMS, जिसमें एक कपल के निजी पल दिखाए जाते हैं, AI-जनरेटेड या डीपफेक साबित हो चुका है, लेकिन इसका ट्रेंड साइबर स्कैमर्स के लिए सुनहरा अवसर बन गया है.
हर प्लेटफॉर्म पर “19:34 वीडियो लिंक” या “5:39 वीडियो” सर्च टॉप पर है, जिससे लाखों यूजर्स फंसने का खतरा बढ़ गया है.
वीडियो का रहस्य और खतरा
पहले 19 मिनट वाली क्लिप इंस्टाग्राम, X और टेलीग्राम पर वायरल हुई, दावा किया गया कि यह होटल में शूट एक कपल का असली इंटीमेट वीडियो है. अब 5:39 मिनट का “सीक्वल” फैल रहा है, जो AI से एडिटेड लगता है. साइबर एक्सपर्ट्स द्वारा जारी चेतावनी में कहा गया है कि ऐसी किसी लिंक्स पर क्लिक करने पर बैंक डिटेल्स, पासवर्ड चोरी हो सकते हैं. ऐसे स्कैम नेटवर्क पेड प्लेटफॉर्म पर अश्लील कंटेंट बेचकर कमाई कर रहे हैं.
निर्दोषों की बदनामी
इस ट्रेंड ने कई महिलाओं को निशाना बनाया, जैसे इंफ्लूएंसर Sweet Zannat, जिन्हें गलत तरीके से वीडियो से जोड़ा गया. उन्होंने वीडियो बनाकर सफाई दी: “मुझे ठीक से देखो, उस लड़की से कोई समानता नहीं,” लेकिन कमेंट्स में “19 मिनट” की बाढ़ आ गई. इसी तरह अन्य लड़कियों को भद्दे कमेंट्स और हैरासमेंट झेलना पड़ा, जो गोपनीयता उल्लंघन को दर्शाता है.
कानूनी जोखिम और पुलिस चेतावनी
ऐसे वीडियो शेयर करने पर IPC धारा 67, 67A और IT एक्ट 66 के तहत 3 साल जेल या 2 लाख जुर्माना हो सकता है. हरियाणा NCB साइबर सेल के अमित यादव ने siteengine.com से वीडियो के AI होने की जांच करने की सलाह दी. पुलिस का कहना है कि बिना सहमति निजी वीडियो शेयर करना अपराध है, और स्कैम IP ट्रैक कर वीडियो शेयर करने वालों की गिरफ्तारियां हो रही हैं.
साइबर स्कैम से बचाव के उपाय
- संदिग्ध लिंक पर कभी क्लिक न करें; रिपोर्ट करें.
- Google सर्च में ट्रेंडिंग कीवर्ड से दूर रहें.
- VPN और एंटीवायरस अपडेट रखें; डेटा प्राइवेसी सेटिंग्स चेक करें.
यह ट्रेंड देश में डिजिटल साक्षरता की कमी को प्रदर्शित करता है. किसी भी तरह के साइबर अटैक या स्कैम से बचने के लिए जरूरी है कि लोगों को जागरूक किया जाये. ऐसे AI जेनरेटेड वीडियो बनाने और उनके प्रसार को रोकने के लिए उचित प्रावधान बनाये जाएं जो किसी व्यक्ति की गरिमा और निजता को प्रभावित करते हैं.