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ओ बिल्ली देवी रक्षा करना! इस गांव में है बिल्ली का मंदिर, 1000 साल से हो रही पूजा; जानिए इसकी वजह

Cat Mandir: कर्नाटक में एक अनोखा मंदिर है जहाँ बिल्ली की पूजा की जाती है. जी हाँ, कहा जाता है कि इस मंदिर में पिछले 1,000 सालों से बिल्लियों की पूजा की जाती रही है.

Written By: Heena Khan
Last Updated: October 20, 2025 13:19:33 IST

Cat Temple in India: देशभर में अलग-अलग मान्यताओं वाले लोग रहते हैं. सभी की अपनी अपनी परंपराएं हैं और अपने अपने रीति-रिवाज हैं. कई परंपराओं के मुताबिक सूरज को देवता माना जाता है तो कहीं नाग को. वहीं आज हम आपको ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां बिल्ली की पूजा की जाती है. जब भी यात्रा करते समय बिल्ली रास्ता काट जाए, तो इसे अशुभ माना जाता है. हिंदू धर्म में बिल्लियों को अशुभ माना जाता है. बिल्ली को देखकर या रास्ता काटते हुए देखकर हमारे माथे पर शिकन आ जाती है. अगर बिल्ली रास्ता काट जाए, तो लोग थोड़ी देर के लिए रुक भी जाते हैं. इसी बीच, कर्नाटक में एक अनोखा मंदिर है जहाँ बिल्ली की पूजा की जाती है. जी हाँ, कहा जाता है कि इस मंदिर में पिछले 1,000 सालों से बिल्लियों की पूजा की जाती रही है.

बिल्ली को मानते हैं देवी 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह अनोखा बिल्ली का मंदिर कर्नाटक के मांड्या जिले से 30 किलोमीटर दूर बेक्कलले गांव में स्थित है. इस गांव का नाम कन्नड़ शब्द “बेक्कू” से लिया गया है, जिसका अर्थ है बिल्ली. ग्रामीण बिल्ली को देवी का अवतार मानते हैं और विधि-विधान से उसकी पूजा करते हैं. वे बिल्ली को देवी मंगम्मा का अवतार मानते हैं.

जानिए ऐसा क्यों 

इन मान्यताओं के मुताबिक, देवी मंगम्मा ने बिल्ली का रूप धारण करके गांव में प्रवेश किया और ग्रामीणों की बुरी शक्तियों से रक्षा की. बाद में उस स्थान पर एक कुआं बनाया गया. तब से, यहां के लोग बिल्ली की पूजा करते आ रहे हैं. यह थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन स्थानीय लोगों की बिल्लियों में गहरी आस्था है और वे उन्हें सकारात्मक दृष्टि से देखते हैं.

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