Jhansi Snake Bite Case: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के झांसी (Jhansi) जिले से एक ऐसी अनोखी और रहस्यमयी घटना सामने आई है, जिसने न केवल पूरे गांव को हिलाकर रख दिया है, बल्कि सोशल मीडिया पर भी यह चर्चा का विषय बन गई है. चिरगांव थाना क्षेत्र के ग्राम पट्टी कुमर्रा के 70 वर्षीय बुजुर्ग सीताराम पिछले 35 वर्षों में 14 बार सांप के डसने के बाद भी जीवित हैं. यह कहानी अंधविश्वास, रहस्य और भगवान की कृपा तीनों का मिश्रण प्रतीत होती है.
पहली बार 25 साल की उम्र में सांप ने काटा
सीताराम का कहना है कि लगभग 25 साल की उम्र में पहली बार सांप ने उन्हें डसा था. उस समय गांव के वैद्य ने उनका इलाज किया और उन्हें मौत के मुंह से खींचकर बाहर निकाल लिया. उसी क्षण से मानो उनके जीवन में एक अजीब सिलसिला शुरू हो गया.
हर दो-तीन साल पर लौट आता है सांप
गांव के लोग बताते हैं कि यह कोई सामान्य घटना नहीं है. लगभग हर दो या तीन साल के अंतराल में वही सांप लौटकर आता है और सीताराम को डसकर चला जाता है. हैरानी की बात यह है कि 14 बार सांप के डसने के बावजूद भी आज सीताराम ज़िंदा हैं और अपनी उम्र के 70वें पड़ाव पर भी सक्रिय जीवन जी रहे हैं. गांव में इस घटना को लेकर तरह-तरह की चर्चाएँ हो रही हैं. कोई इसे नाग-नागिन का बदला बता रहा है, तो कोई कहता है कि यह पिछले जन्म के कर्मों का फल है. ग्रामीणों की मान्यताओं में यह घटना धीरे-धीरे अंधविश्वास का रूप ले चुकी है.
इस घटना के साथ कई वीडियो भी सामने आए हैं, जिनमें ग्रामीण सीताराम को झाड़-फूंक करते हुए दिख रहे हैं. एक वीडियो में लोग उन्हें पेड़ की पत्तियों से झाड़ते हुए नजर आते हैं। यह दृश्य साफ तौर पर दर्शाता है कि विज्ञान और चिकित्सा के युग में भी अंधविश्वास आज भी गांवों की मानसिकता में गहराई से मौजूद है.
क्या हैं सीताराम का कहना?
सीताराम खुद इस घटना को भगवान की लीला मानते हैं. उनका कहना है कि भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं. वे मानते हैं कि अगर मौत बार-बार उनके दरवाज़े तक आई है, तो भगवान ने उन्हें हर बार नया जीवन भी दिया है. पट्टी कुमर्रा गांव की यह घटना अब पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन चुकी है. सोशल मीडिया पर भी लोग इसे चमत्कार और रहस्य के रूप में देख रहे हैं. कोई इसे विज्ञान से जोड़ने की कोशिश कर रहा है, तो कोई इसे पूरी तरह अंधविश्वास मान रहा है.