Pitohui Dichrous: प्रकृति से लगाव और नजदीकी मनुष्य के स्वभाव में है. पशुओं की बात करें तो मनुष्य के पास भावनात्मक और शारीरिक ताकत का भी हुनर है, जिसके जरिये वह पशुओं को अपनी जरूरतों के लिए काबू तक करता रहा है. इसके इतर जंगल में बसने वाले जानवरी की तुलना में पक्षी मनुष्यों को सदियों से आकर्षित करते रहे हैं. कबूतर और तोता समेत कई पक्षियों को पालने का शौक और जूनन भी मनुष्य में है. ऐसे में यह ध्यान देना जरूरी है कि कबूतर समेत कई पक्षी ऐसे भी हैं, जिन्हें पालना काफी खतरनाक माना जाता है. किसी-किसी पक्षी को छूना भी कभी-कभार बहुत खतरे वाला काम होता है. इन्हीं जहरीले पक्षियों में से एक है पिटोहुई डाइक्रस (Pitohui dichrous).
पंखों-त्वचा में पाया जाता है जहर
विशेषज्ञों के अनुसार, पिटोहुई डाइक्रस नाम का यह खतरनाक पक्षी समुद्र तल के साथ-साथ पहाड़ों और वनों में भी पाया जाता है. यह इतना खतरनाक होता है कि इसे छूने से ही किसी को भी खतरनाक बीमारी हो जाती है और वह अपनी जान तक गंवा सकता है. वैज्ञानिकों का मानना है कि पिटोहुई डाइक्रस धरती पर पाए जाने वाले उन कुछ चुनिंदा पक्षियों में से एक है, जो जानलेवा होता है. इनके पंखों और त्वचा में भरपूर मात्रा में जहर पाया जाता है.
खुद नहीं करता विष का निर्माण
पिटोहुई डाइक्रस पक्षी खुद कभी भी विष नहीं बनाता है. वैज्ञानिकों के अनुसार, इस पंखों और त्वचा में पाया जाने वाले जहर को पिटोहुई डाइक्रस अपने भोजन में शामिल होने वाले कीड़ों से हासिल करता है. जिनका यह भोजन करता है उन कीड़ों में बैट्राकोटॉक्सिन होते हैं. यह इतना अधिक जहरीला होता है कि इसके पक्ष और त्वचा को छूने से शख्स की मौत तक हो जाती है. यहां तकि हल्का लकवा भी मार देता है. इसे छूने के बाद कुछ लोगों को हाथों में सुन्नपन या झुनझुनी जैसा भी महसूस होता है.
रीजेंट व्हिसलर और रूफस-नैप्ड बेलबर्ड हैं बहुत खतरनाक
वहीं, कुछ महीने पहले ही रिसर्चर्स ने न्यू गिनी में पक्षियों की दो अजीब प्रजातियों की खोज की है जो ज़्यादातर दूसरे पक्षियों से अलग हैं. ये पक्षी सिर्फ़ अपने चमकीले रंगों या रहने की जगह के लिए ही खास नहीं हैं, बल्कि उनके पंखों में एक जानलेवा न्यूरोटॉक्सिन होता है. बावजूद यह बहुत सुंदर होता है और लोग इसे देखते ही इसकी ओर आकर्षित होते हैं. न्यूज गिनी के वर्षावनों में पक्षियों की दो नई खोजी गई प्रजातियां – रीजेंट व्हिसलर और रूफस-नैप्ड बेलबर्ड पाई गई हैं. वहीं बैट्राकोटॉक्सिन की बात करें तो यह एक शक्तिशाली ज़हर है जो मांसपेशियों पर असर डालता है. यह मांसपेशियों में सोडियम चैनलों को खुला रखता है, जिससे मांसपेशियों में ऐंठन, दौरे और अगर डोज़ काफी ज़्यादा हो तो हार्ट फेलियर भी हो सकता है.