एक चौकने वाला खुलासा, क्या पुरुष भी हो सकते है Pregnant? ये एक मजाक नहीं बल्कि हो सकता है जानलेवा बीमारी का संकेत
Can a Man Get Pregnant as Well? यह सच है कि पुरुषों का प्रेग्नेंसी टेस्ट पॉज़िटिव आ सकता है, और यह एक गंभीर बात है। प्रेग्नेंसी टेस्ट एक खास हार्मोन, एचसीजी (hCG), की पहचान करके काम करता है जो आमतौर पर सिर्फ प्रेग्नेंट महिलाओं में पाया जाता है। अगर किसी पुरुष के शरीर में इस हार्मोन का स्तर बढ़ जाए और उसका टेस्ट पॉज़िटिव आए, तो यह टेस्टिकुलर कैंसर (अंडकोष कैंसर) जैसी गंभीर बीमारी का शुरुआती संकेत हो सकता है। यह एक दुर्लभ मामला है, लेकिन इसे नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए, क्योंकि सही समय पर पहचान और इलाज से यह बीमारी जानलेवा नहीं रहती।
पुरुषों का प्रेग्नेंसी टेस्ट पॉज़िटिव आना: एक चौंकाने वाली बात
हाँ, पुरुषों का प्रेग्नेंसी टेस्ट पॉज़िटिव आ सकता है। यह सुनकर भले ही अजीब लगे, लेकिन यह एक गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। यह जानना ज़रूरी है कि आखिर ऐसा क्यों होता है और इसके पीछे क्या वजह है।
प्रेग्नेंसी टेस्ट काम कैसे करता है?
प्रेग्नेंसी टेस्ट का काम समझना ज़रूरी है। यह टेस्ट महिलाओं के शरीर में एक खास हार्मोन, एचसीजी (hCG), की पहचान करता है। यह हार्मोन आमतौर पर सिर्फ प्रेग्नेंट महिलाओं के यूरिन में पाया जाता है। जब यह हार्मोन शरीर में बढ़ता है, तो प्रेग्नेंसी टेस्ट पॉज़िटिव आता है।
पुरुषों में एचसीजी (hCG) हार्मोन का होना
पुरुषों के शरीर में एचसीजी हार्मोन नहीं पाया जाता। लेकिन, अगर किसी पुरुष का प्रेग्नेंसी टेस्ट पॉज़िटिव आता है, तो इसका मतलब है कि उनके शरीर में यह हार्मोन मौजूद है। पुरुषों में इस हार्मोन का बढ़ना एक चिंता का विषय हो सकता है।
क्या है इसका मतलब?
पुरुषों में एचसीजी का होना टेस्टिकुलर कैंसर (Testicular cancer) का संकेत हो सकता है। ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहाँ मज़ाक में किया गया प्रेग्नेंसी टेस्ट कैंसर की पहचान का कारण बना। यह ज़रूरी है कि इसे गंभीरता से लिया जाए।
कुछ और वजहें भी हो सकती हैं
हालांकि, यह 100% पक्का नहीं है कि हर पॉज़िटिव टेस्ट कैंसर ही हो। हर टेस्टिकुलर कैंसर में एचसीजी का स्तर नहीं बढ़ता। इसके अलावा, यूरिन में प्रोटीन, कुछ दवाइयाँ, या कोई अन्य स्वास्थ्य समस्या भी टेस्ट को कर सकती है।
टेस्टिकुलर कैंसर के लक्षण
टेस्टिकुलर कैंसर के कुछ लक्षण भी होते हैं जिन्हें पहचानना ज़रूरी है। जैसे कि टेस्टिकल्स में कोई गांठ या सूजन हो जाना। टेस्टिकल्स में भारीपन या दर्द महसूस होना। गांठ में दर्द हो भी सकता है और नहीं भी। टेस्टिकल्स के आकार में बदलाव आना।
इलाज और परिणाम
अच्छी खबर यह है कि टेस्टिकुलर कैंसर आमतौर पर जानलेवा नहीं होता। समय पर इलाज से 95% से ज़्यादा मरीज पूरी तरह ठीक हो जाते हैं। यह जानकारी पी.एस.आर.आई हॉस्पिटल के यूरोलॉजी विभाग के वरिष्ठ कंसलटेंट डॉ. अमित उपाध्याय ने दी है। इस तरह के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना बेहद ज़रूरी है।