क्रिसमस का रहस्य, क्यों X-Mas में छिपा है ईसा मसीह का नाम? इतिहास और भाषा का क्या है अद्भुत मेल!
Mystery of Christmas Festival: हर साल 25 दिसंबर को मनाए जाने वाले क्रिसमस का त्योहार ठंडी के मौसम में ही आता है. इस त्योहार को लेकर दुनियाभर में धूमधाम के साथ मनाया जाता है. दरअसल, यह पर्व ईसा मसीह (यीशु) के जन्मदिन के उपलक्ष्य में पूरी दुनिया में भव्य तरीके से मनाया जाता है, जिन्हें ईसाई समुदाय ईश्वर का पुत्र मानता है. यह त्योहार न सिर्फ एक धार्मिक उत्सव नहीं है, बल्कि यह आपसी ताल-मेल, माफी और दया जैसे मानवीय गुणों का भी एक प्रतीक है.
उत्सव की तिथि
क्रिसमस का त्योहार हर साल 25 दिसंबर को ठंड में मनाया जाता है, जो ईसा मसीह के जन्म की खुशी में पूरी दुनिया में धूमधाम के साथ मनाया जाता है.
उत्सव का आरंभ
करीब 336 ईस्वी में सम्राट कॉन्स्टेंटाइन के शासनकाल के दौरान क्रिसमस के त्योहार को मनाने की शुरुआत की गई थी, लेकिन बाइबिल में सटीक तारीख का किसी तरह का कोई उल्लेख देखने को नहीं मिलता है.
ग्रीक अक्षर
'X' अक्षर ग्रीक वर्णमाला के अक्षर 'ची' (Chi - Χ) का प्रतिनिधित्व करता है.
'क्राइस्ट' का प्रतीक
ग्रीक में 'ची' (Χ) शब्द 'क्राइस्ट' (Christos) का पहला अक्षर है, जो यीशु मसीह के लिए ही पूरी तरह से इस्तेमाल किया जाता है.
संक्षिप्त रूप
'Xmas' शब्द का इस्तेमाल 'क्राइस्ट-मास' (Christ-Mass) के एक संक्षिप्त और सदियों पुराने रूप के तौर पर ही किया जाता है.
मानवीय गुण
यह त्योहार न सिर्फ जन्मदिन का जश्न नहीं है, बल्कि माफी, दया और आपसी ताल-मेल जैसे मानवीय गुणों को भी दर्शाता है.