होंठ बताते है आपकी सेहत का सच, रंग से लेकर सूखेपन तक जानें क्या है इसके संकेत?
क्या है एक्सपर्ट्स का कहना?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि खराब लाइफस्टाइल, डिहाइड्रेशन, ज़्यादा स्क्रीन टाइम, पोषक तत्वों की कमी और खराब आदतें, ये सभी आपके होंठों पर दिख सकती हैं. होंठ सिर्फ़ एक कॉस्मेटिक फीचर नहीं हैं, बल्कि आपके शरीर की सेहत का सीधा इंडिकेटर हैं. आपके होंठों का रंग, टेक्सचर और सूखापन, ये सभी आपकी अंदरूनी सेहत का संकेत दे सकते हैं। अगर आप समय पर अपने होंठों द्वारा दिए जा रहे संकेतों को समझ लेते हैं, तो आप अपनी सेहत पर काम कर सकते हैं और संभावित बीमारियों का पता लगा सकते हैं. आइए बात करते हैं उन संकेतों के बारे में जो आपके होंठ आपकी सेहत के बारे में बता सकते हैं.
नीले होंठ
अगर आपके होंठ सामान्य से ज़्यादा हल्के दिखते हैं या उनमें नीलापन है, तो यह एनीमिया, खराब ब्लड सर्कुलेशन या सांस की समस्या का संकेत हो सकता है. होंठों का रंग बदलना यह बताता है कि शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल रही है. PLOS ONE में पब्लिश एक स्टडी के अनुसार, होंठों और जीभ का पीलापन एनीमिया का संकेत हो सकता है.
सूखे और फटे होंठ
हालांकि सर्दियों में फटे होंठ आम बात है, लेकिन अगर यह समस्या बनी रहती है, तो यह डिहाइड्रेशन, पोषक तत्वों की कमी, विटामिन B, आयरन या फैटी एसिड की कमी, या एक्जिमा जैसी स्थितियों का संकेत हो सकता है. कम पानी पीने और डाइट में पोषक तत्वों की कमी से होंठों की नमी खत्म हो सकती है.
सूजे हुए होंठ
अगर किसी के होंठ अचानक सूज जाते हैं, तो यह खाने या पर्यावरण से होने वाली एलर्जी, बैक्टीरियल या वायरल इन्फेक्शन, या एंजियोएडेमा का संकेत हो सकता है. JAMA में पब्लिश एक स्टडी के अनुसार, होंठों में सूजन एंजियोएडेमा का एक मुख्य लक्षण है, जो कभी-कभी चेहरे और गले को प्रभावित करता है, जिससे सांस लेने में दिक्कत हो सकती है.
होंठों पर छाले या फफोले
होंठों पर बार-बार होने वाले छाले या फफोले हर्पीस सिंप्लेक्स वायरस, कैंकर सोर, बैक्टीरियल इन्फेक्शन, या कभी-कभी ओरल कैंसर का शुरुआती संकेत हो सकते हैं. अगर आपके छाले बने रहते हैं या बहुत दर्दनाक हैं तो डॉक्टर से सलाह लें.
होंठों या मुंह के कोनों पर दरारें
होंठों के कोनों पर दरारों को एंगुलर चेइलाइटिस कहा जाता है. यह अक्सर विटामिन B2, B3, और B12 की कमी, आयरन की कमी, फंगल इन्फेक्शन वगैरह की वजह से होता है. इससे खाने और बोलने में दिक्कत हो सकती है. डाइट में बदलाव और ज़्यादा पानी पीने से इस स्थिति में सुधार हो सकता है.