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Magh Mela 2026: माघ मेले में स्नान के बाद ये 4 काम नहीं किए तो शास्त्रों के अनुसार अधूरा माना जाता है पुण्य

Magh Mela 2026: हिंदू धर्म के  प्रमुख धार्मिक अनुष्ठानों में से एक माघ मेला की शुरूवात 3 जनवरी से होगी और यह कुल 44 दिनों तक चलेगा.  इस दौरान, बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज में त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाएंगे.स्नान के साथ-साथ, तीर्थयात्रियों को तीर्थयात्रा का पूरा लाभ पाने के लिए कुछ अन्य अनुष्ठान भी करने चाहिए. आइए जानतें हैं इनके बारे में.

Last Updated: December 23, 2025 | 6:48 PM IST
Magh Mela 2026: माघ मेले में स्नान के बाद ये 4 काम नहीं किए तो शास्त्रों के अनुसार अधूरा माना जाता है पुण्य - Gallery Image
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माघ मेला

माघ मेला हर साल पौष पूर्णिमा से शुरू होता है और महाशिवरात्रि तक चलता है. 2026 में, माघ मेला 3 जनवरी को शुरू होगा. माघ मेला 15 फरवरी को समाप्त होगा. इन 44 दिनों के दौरान, बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज में त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान करेंगे. स्नान के साथ-साथ, तीर्थयात्रियों को तीर्थयात्रा का पूरा लाभ पाने के लिए कुछ अन्य अनुष्ठान भी करने चाहिए.

Holy Bath at Magh Mela - Photo Gallery
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पवित्र स्नान

माघ मेले में भाग लेने वाले सभी श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान करते हैं. ऐसा माना जाता है कि यहां स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं और आध्यात्मिक उन्नति होती है. माघ मेले के दौरान, पूर्णिमा, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी और महाशिवरात्रि के दिन स्नान करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो लोग माघ मेले के दौरान त्रिवेणी संगम में स्नान करते हैं, उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है.

Kalpavas Ritual at Magh Mela - Photo Gallery
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कल्पवास

माघ मेले के दौरान कल्पवास का विशेष महत्व है. कल्पवास में, श्रद्धालु पूरे एक महीने तक गंगा  के किनारे रहते हैं और उपवास, तपस्या, मंत्र जाप आदि करते हैं. ऐसा करने से उनका आध्यात्मिक शुद्धिकरण होता है. कल्पवास के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन किया जाता है और सांसारिक सुखों का त्याग किया जाता है.

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आध्यात्मिक प्रवचन

माघ मेले के दौरान, कई साधु-संत प्रवचन देते हैं. आपको ये प्रवचन सुनने चाहिए. ये ज्ञान देते हैं और मन के अंधेरे को दूर करते हैं. अगर आप प्रवचनों में शामिल नहीं हो पाते हैं, तो आप माघ मेले के दौरान धार्मिक किताबें खरीदकर उन्हें पढ़ सकते हैं. अगर आप माघ मेले में किसी संत से मिलते हैं, तो उनसे आध्यात्मिक ज्ञान लेने की कोशिश जरूर करें.

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दान और मंदिर दर्शन

प्रयागराज में माघ मेले के दौरान, पवित्र जल में डुबकी लगाने के साथ-साथ आपको प्रयागराज में स्थित मंदिरों में भी जाना चाहिए. ऐसा करने से आपको भगवान का आशीर्वाद मिलता है. आपको जितना हो सके दान भी करना चाहिए, इससे आपको मन की शांति और अपने पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है.