बिना डांटे फटकारे बच्चों की शरारतों पर पाना चाहते हैं काबू, अपनाएं ये आसान और असरदार Parenting Tips
5 प्रभावी टिप्स जो बच्चों को अनुशासन में लाने के लिए करेगा मदद
बच्चे सिर्फ डर के आधार पर अपनी आदतें बदल सकते हैं, लेकिन लंबे समय तक सही मार्गदर्शन के लिए यह पर्याप्त नहीं है. सच्चाई यह है कि बच्चों में अनुशासन और अच्छे व्यवहार को सिखाने के कई आसान और कारगर तरीके हैं, जिनसे आप उन्हें प्यार और समझ के साथ सही रास्ता दिखा सकते हैं. आइए जानते हैं 5 प्रभावी टिप्स जो बच्चों को बिना डांटे अनुशासन सिखाने में मदद करेंगे.
घर में सरल और स्पष्ट नियम तय करें
अनुशासन की शुरुआत घर से होती है. सबसे पहले, कुछ बुनियादी नियम बनाएं. उदाहरण के लिए सोने से पहले खिलौने अपनी जगह पर रखना. खाना खाते समय फोन या टैबलेट का इस्तेमाल नहीं करना. ये नियम बच्चों की उम्र के अनुसार सरल होने चाहिए. साथ ही, यह सुनिश्चित करें कि आप खुद भी इन नियमों का पालन करें, क्योंकि बच्चे वही सीखते हैं जो वे देखते हैं.
डांटने की बजाय बताएं गलती का कारण
जब बच्चा कोई गलती करता है, तो सिर्फ यह मत करो कहना पर्याप्त नहीं है. उन्हें गलती का कारण समझाना बेहद जरूरी है. जैसे दीवार पर मत लिखो, क्योंकि इससे दीवार गंदी हो जाती है और साफ करना मुश्किल होता है. जब बच्चे को किसी नियम या गलती का कारण समझ आता है, तो वे उसे दोहराने की संभावना कम कर देते हैं.
अच्छे व्यवहार की तारीफ करें
बच्चे को प्रोत्साहित करने का सबसे प्रभावी तरीका है उनके अच्छे काम की सराहना करना. अगर बच्चा अपना होमवर्क खुद करता है, तो उसकी तारीफ जरूर करें. छोटे भाई-बहन की मदद करे, तो तुमने बहुत अच्छा काम किया ऐसा कहे. इस तरह के पॉजिटिव रिएक्शन से बच्चे सीखते हैं कि अच्छा व्यवहार उन्हें प्यार और प्रशंसा दिलाता है, और वे इसे दोहराने लगते हैं.
गलतियों के नेचुरल परिणाम सीखने दें
जब बच्चा शरारत करता है, तो उसे उसके कर्मों का प्राकृतिक परिणाम भुगतने दें. इसे 'नेचुरल कॉन्सिक्वेंस' कहते हैं. जैसे अगर बच्चा खिलौने बिखेर देता है और उन्हें नहीं उठाता, तो अगले दिन उसे नए खिलौने तब तक न दें जब तक पुराने खिलौने न समेटे. इससे बच्चा अपनी गलतियों की जिम्मेदारी लेना सीखता है और धीरे-धीरे अपने व्यवहार में सुधार लाता है.
बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम बिताएं
बच्चों के साथ समय बिताना अनुशासन सिखाने का एक मजबूत तरीका है. उनके साथ खेलें, कहानियां सुनाएं या उनकी पसंदीदा एक्टिविटी में शामिल हों. जब बच्चे माता-पिता के करीब महसूस करते हैं, तो वे उनकी बात अधिक सुनते हैं. साथ ही, यह उनके मन को शांत रखने और रिश्ते को मजबूत बनाने में भी मदद करता है.