अगर ये संकेत दिख रहे, तो हो जाएं सावधान; खराब मेटाबॉलिक हेल्थ दे सकती है इन बीमारियों को आमंत्रण
मेटाबोलिक हेल्थ इंसुलिन रिस्पॉन्स और फैट मेटाबॉलिज्म जैसी प्रक्रियाओं के जरिए आपकी एनर्जी, वज़न, ब्लड शुगर और दिल के काम को कंट्रोल करती है. जब इसमें गड़बड़ी होती है तो इससे डायबिटीज, दिल की बीमारी और फैटी लिवर का खतरा बढ़ जाता है. इन 10 हल्के संकेतों को जल्दी पहचानने से स्थिति को सुधारा जा सकता है. आइये जानते हैं कौन से हैं ये संकेत:
आराम के बाद भी लगातार थकान: 7-8 घंटे सोने के बाद भी थका हुआ महसूस करना खराब ग्लूकोज रेगुलेशन या इंसुलिन रेजिस्टेंस का संकेत है, जिसमें कोशिकाओं को एनर्जी नहीं मिल पाती. शरीर भोजन को एनर्जी में बदलने के लिए संघर्ष करता है, जिससे थकान महसूस होने लगती है.
क्या करें: एक हफ्ते तक अपनी नींद और डाइट पर नजर रखें. रिफाइंड कार्ब्स कम करें; रोज 30 मिनट पैदल चलें. फास्टिंग ग्लूकोज और HbA1c के लिए ब्लड टेस्ट करवाएं।
कमर के आसपास बिना वजह वज़न बढ़ना: पेट के अंदर फैट जमा होना, बिना बीयर पिए भी “बीयर बेली” का होना मेटाबोलिक सिंड्रोम का संकेत देता है, क्योंकि फैट कोशिकाएं सूजन वाले केमिकल छोड़ती हैं. अगर ऐसे लक्षण दिख रहे हैं तो सतर्क हो जाएं क्योंकि इसका मतलब है कि शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ रहा है.
क्या करें: कमर का माप लें (पुरुषों के लिए 40 इंच से ज़्यादा/महिलाओं के लिए 35 इंच से ज्यादा कमर का साइज एक खतरे की घंटी है). फाइबर से भरपूर भोजन लें और हफ्ते में 3 बार स्ट्रेंथ ट्रेनिंग पर ध्यान दें. लिपिड पैनल के जरिए ट्राइग्लिसराइड्स की जांच करें.
खाने के बाद मीठा खाने की तेज इच्छा
खाने के बाद अचानक मीठा खाने की इच्छा इंसुलिन में गड़बड़ी के कारण ब्लड शुगर में उतार-चढ़ाव का संकेत देती है. यह एक ऐसा चक्र बनाता है जो प्रीडायबिटीज कंडीशन को और खराब करता है.
क्या करें: मीठे की जगह बेरी या नट्स खाएं. संतुलित खाना खाएं (प्रोटीन + सब्ज़ी + फैट). ग्लूकोमीटर से मॉनिटर करें; खाने के बाद 140 mg/dL से कम का लक्ष्य रखें.
बार-बार प्यास लगना और पेशाब आना: ज्यादा पानी पीना और बार-बार बाथरूम जाना डायबिटीज के लक्षणों जैसा लगता है क्योंकि किडनी ज्यादा ब्लड शुगर को बाहर निकालती है. शुरुआती हाइपरग्लाइसेमिया समय के साथ नसों और किडनी को नुकसान पहुंचाता है.
क्या करें: 3 दिनों तक पानी पीने और पेशाब की मात्रा का रिकॉर्ड रखें. समझदारी से पानी पिएं लेकिन रैंडम ब्लड शुगर टेस्ट करवाएं. OGTT (ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट) शेड्यूल करें.
ब्रेन फॉग या खराब कंसंट्रेशन: मानसिक सुस्ती, खासकर कार्ब्स खाने के बाद, अनस्टेबल ब्लड शुगर के कारण होती है जो दिमाग को कंसन्ट्रेट करने में रुकावट डालता है. यह रोजाना के कामों में रुकावट डालता है और मेटाबॉलिक स्वेलिंग का संकेत देता है.
क्या करें: ओट्स या अंडे जैसे low-GI फ़ूड से इसे स्टेबल करें. रोजाना 10 मिनट माइंडफुलनेस का अभ्यास करें. TSH टेस्ट से थायराइड की जांच करवाएं.
हाई ब्लड प्रेशर रीडिंग: लगातार 130/80+ mmHg रीडिंग मेटाबॉलिक स्ट्रेस और सोडियम असंतुलन के कारण धमनियों के सख्त होने से जुड़ी है. इससे डायबिटीज का खतरा दोगुना हो जाता है; दिल पर जल्दी दबाव पड़ता है.
क्या करें: घर पर दिन में दो बार ब्लड प्रेशर मॉनिटर करें. DASH डाइट अपनाएं (कम नमक, ज़्यादा पोटेशियम). अधिक समस्या होने पर चिकित्सक से सलाह लें.
नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर के संकेत: पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में हल्का दर्द या बढ़े हुए एंजाइम लिवर में फैट जमा होने का संकेत देते हैं.
यह 25% वयस्कों को प्रभावित करता है और धीरे-धीरे सिरोसिस में बदल जाता है.
क्या करें: अगर ALT/AST एंजाइम की मात्रा अधिक है, तो अल्ट्रासाउंड करवाएं. वजन कम करने को प्राथमिकता दें (1-2 पाउंड/हफ़्ते). फ्रक्टोज लेने से बचें; डॉक्टर की सलाह के बाद मिल्क थिसल लेने पर विचार करें.
Factors that are affecting metabolic health.
मेटाबोलिक हेल्थ इंसुलिन रिस्पॉन्स और फैट मेटाबॉलिज्म जैसी प्रक्रियाओं के जरिए आपकी एनर्जी, वज़न, ब्लड शुगर और दिल के काम को कंट्रोल करती है. जब इसमें गड़बड़ी होती है तो इससे डायबिटीज, दिल की बीमारी और फैटी लिवर का खतरा बढ़ जाता है. इन 10 हल्के संकेतों को जल्दी पहचानने से स्थिति को सुधारा जा सकता है. आइये जानते हैं कौन से हैं ये संकेत:
Feeling exhausted everytime
आराम के बाद भी लगातार थकान: 7-8 घंटे सोने के बाद भी थका हुआ महसूस करना खराब ग्लूकोज रेगुलेशन या इंसुलिन रेजिस्टेंस का संकेत है, जिसमें कोशिकाओं को एनर्जी नहीं मिल पाती. शरीर भोजन को एनर्जी में बदलने के लिए संघर्ष करता है, जिससे थकान महसूस होने लगती है.
क्या करें: एक हफ्ते तक अपनी नींद और डाइट पर नजर रखें. रिफाइंड कार्ब्स कम करें; रोज 30 मिनट पैदल चलें. फास्टिंग ग्लूकोज और HbA1c के लिए ब्लड टेस्ट करवाएं.
Development of 'beer belly'
कमर के आसपास बिना वजह वज़न बढ़ना: पेट के अंदर फैट जमा होना, बिना बीयर पिए भी "बीयर बेली" का होना मेटाबोलिक सिंड्रोम का संकेत देता है, क्योंकि फैट कोशिकाएं सूजन वाले केमिकल छोड़ती हैं. अगर ऐसे लक्षण दिख रहे हैं तो सतर्क हो जाएं क्योंकि इसका मतलब है कि शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ रहा है.
क्या करें: कमर का माप लें (पुरुषों के लिए 40 इंच से ज़्यादा/महिलाओं के लिए 35 इंच से ज्यादा कमर का साइज एक खतरे की घंटी है). फाइबर से भरपूर भोजन लें और हफ्ते में 3 बार स्ट्रेंथ ट्रेनिंग पर ध्यान दें. लिपिड पैनल के जरिए ट्राइग्लिसराइड्स की जांच करें.
Craving for sweets
खाने के बाद मीठा खाने की तेज इच्छा
खाने के बाद अचानक मीठा खाने की इच्छा इंसुलिन में गड़बड़ी के कारण ब्लड शुगर में उतार-चढ़ाव का संकेत देती है. यह एक ऐसा चक्र बनाता है जो प्रीडायबिटीज कंडीशन को और खराब करता है.
क्या करें: मीठे की जगह बेरी या नट्स खाएं. संतुलित खाना खाएं (प्रोटीन + सब्ज़ी + फैट). ग्लूकोमीटर से मॉनिटर करें; खाने के बाद 140 mg/dL से कम का लक्ष्य रखें.
Feeling thirsty everytime
बार-बार प्यास लगना और पेशाब आना: ज्यादा पानी पीना और बार-बार बाथरूम जाना डायबिटीज के लक्षणों जैसा लगता है क्योंकि किडनी ज्यादा ब्लड शुगर को बाहर निकालती है. शुरुआती हाइपरग्लाइसेमिया समय के साथ नसों और किडनी को नुकसान पहुंचाता है.
क्या करें: 3 दिनों तक पानी पीने और पेशाब की मात्रा का रिकॉर्ड रखें. समझदारी से पानी पिएं लेकिन रैंडम ब्लड शुगर टेस्ट करवाएं. OGTT (ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट) शेड्यूल करें.
Brain Fog and weak Concentration
ब्रेन फॉग या खराब कंसंट्रेशन: मानसिक सुस्ती, खासकर कार्ब्स खाने के बाद, अनस्टेबल ब्लड शुगर के कारण होती है जो दिमाग को कंसन्ट्रेट करने में रुकावट डालता है. यह रोजाना के कामों में रुकावट डालता है और मेटाबॉलिक स्वेलिंग का संकेत देता है.
क्या करें: ओट्स या अंडे जैसे low-GI फ़ूड से इसे स्टेबल करें. रोजाना 10 मिनट माइंडफुलनेस का अभ्यास करें. TSH टेस्ट से थायराइड की जांच करवाएं.
High Blood Pressure
हाई ब्लड प्रेशर रीडिंग: लगातार 130/80+ mmHg रीडिंग मेटाबॉलिक स्ट्रेस और सोडियम असंतुलन के कारण धमनियों के सख्त होने से जुड़ी है. इससे डायबिटीज का खतरा दोगुना हो जाता है; दिल पर जल्दी दबाव पड़ता है.
क्या करें: घर पर दिन में दो बार ब्लड प्रेशर मॉनिटर करें. DASH डाइट अपनाएं (कम नमक, ज़्यादा पोटेशियम). अधिक समस्या होने पर चिकित्सक से सलाह लें.
Non-alcoholic Fatty Liver
नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर के संकेत: पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में हल्का दर्द या बढ़े हुए एंजाइम लिवर में फैट जमा होने का संकेत देते हैं.
यह 25% वयस्कों को प्रभावित करता है और धीरे-धीरे सिरोसिस में बदल जाता है.
क्या करें: अगर ALT/AST एंजाइम की मात्रा अधिक है, तो अल्ट्रासाउंड करवाएं. वजन कम करने को प्राथमिकता दें (1-2 पाउंड/हफ़्ते). फ्रक्टोज लेने से बचें; डॉक्टर की सलाह के बाद मिल्क थिसल लेने पर विचार करें.