एयरपोर्ट जैसा स्टेशन, शहर जैसी भीड़, ये Railway Station कहलाता है दुनिया का सबसे व्यस्त कॉम्प्लेक्स
शिंजुकु स्टेशन कितना बड़ा हैं?
शिंजुकु का विशाल आकार किसी एयरपोर्ट जैसा है. स्टेशन कॉम्प्लेक्स में 36 प्लेटफॉर्म, 200 से ज़्यादा गेट और हर दिशा में दर्जनों एग्जिट हैं, जो इसे एक धड़कता हुआ ढांचा बनाते हैं जो शहर को हर मिनट चलाता रहता है.
कब खुला था शिंजुकु स्टेशन?
1885 में खुला यह स्टेशन अब सिर्फ एक स्टेशन नहीं रहा; यह टोक्यो की जीवनरेखा बन गया है. शॉपिंग मॉल, रेस्टोरेंट, ऑफिस, बिजनेस हब सब कुछ स्टेशन कॉम्प्लेक्स के अंदर ही है.
यात्री प्लेटफॉर्म में खो जाते हैं
यात्री अक्सर सिर्फ प्लेटफॉर्म गिनते-गिनते थक जाते हैं, और रास्ता पूछना तो आम बात है. सही प्लेटफॉर्म ढूंढना किस्मत की बात मानी जाती है, क्योंकि भीड़ में खो जाना उतना ही आसान है जितना उसमें समा जाना.
क्या है शिंजुकु स्टेशन की खासियत?
यहां ट्रेन पकड़ने जाना सिर्फ एक यात्रा नहीं है, यह एक पूरा अनुभव है. जल्दबाजी में चलते कदमों की भागदौड़, इलेक्ट्रॉनिक बोर्ड पर चमकता डेटा और समय पर चलने वाली जापानी ट्रेनें... ये सब मिलकर इसे शहर के अंदर एक जीवंत शहर बनाते हैं.
भारत का हावड़ा जंक्शन सबसे व्यसत
दूसरी ओर, भारत में, सबसे व्यस्त स्टेशन का खिताब हमेशा की तरह हावड़ा जंक्शन को जाता है. 23 प्लेटफॉर्म और रोज़ाना 1000 से ज़्यादा ट्रेनों के साथ, यहां भी भीड़ एक बड़ी चुनौती है. कभी-कभी तो प्लेटफॉर्म पर खड़े होने की भी जगह नहीं होती.
मुंबई का छत्रपति शिवाजी स्टेशन
मुंबई का छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) भी ऐसा ही एक स्टेशन है, जो देश में सबसे ज़्यादा लंबी दूरी की ट्रेनों को हैंडल करता है.
कोलकाता का सियालदह स्टेशन
इसके बाद कोलकाता का सियालदह स्टेशन आता है, जहां लोकल और मेल ट्रेनों की भारी संख्या के कारण हर समय भीड़ अपने चरम पर रहती है. लेकिन शिंजुकु की कहानी बिल्कुल अलग है. यहां ट्रेनें इतनी ज़्यादा बार आती-जाती हैं कि हर मिनट दर्जनों ट्रेनें प्लेटफॉर्म पर आती-जाती रहती हैं. इस भीड़ में सही गेट ढूंढना किसी पहेली को सुलझाने जैसा है. 200 गेटों में से कौन सा गेट आपको सही प्लेटफॉर्म पर ले जाएगा?