Most Smiling Countries: पैसा नहीं, दिल का हाल बताती है मुस्कान, जानिए कौन से देश हैं सबसे ज़्यादा मुस्कुराने वाले?
पैसे न होते हुए भी गायब नहीं होती चेहरे की मुस्कान
जब भी हम मुस्कुराहट की बात करते हैं, दिमाग में अक्सर अमीरी, सुख-सुविधाएं और आरामदायक जीवन की तस्वीर उभरती है. लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल उलट है. दुनिया के जिन देशों के लोग सबसे ज़्यादा मुस्कुराते हैं, वे आर्थिक रूप से अमीर नहीं, बल्कि अपेक्षाकृत गरीब और संघर्षशील माने जाते हैं. यही मुस्कान की असली खूबसूरती है यह आपकी माली हालत पर नहीं, बल्कि आपके जीवन जीने के तरीके और सोच पर निर्भर करती है.
कौन से हैं मुस्कुराहट वाले देश?
गैलप इमोशनल रिपोर्ट 2023 (Gallup’s Global Emotions Report 2023) के अनुसार, इंडोनेशिया, मैक्सिको, पराग्वे, फिलीपीन्स, वियतनाम, ग्वाटेमाला, पनामा, एल सल्वाडोर, कोस्टा रिका और मलेशिया ऐसे देश हैं, जहां लोग सबसे ज़्यादा मुस्कुराते हैं. इन देशों के लोग रोज़मर्रा की जिंदगी में मिलने-जुलने से लेकर छोटे-छोटे कामों तक मुस्कान को अपनी पहचान बना चुके हैं.
खुशहाल देश और मुस्कुराने वाले देश में फर्क
अक्सर लोग समझते हैं कि ‘हैप्पीनेस इंडेक्स’ और ‘स्माइल इंडेक्स’ एक ही चीज़ हैं. लेकिन ये दोनों अलग हैं. जहां फिनलैंड, डेनमार्क और आइसलैंड जैसे नॉर्डिक देश दुनिया के सबसे खुशहाल देश कहलाते हैं, वहीं सबसे ज़्यादा मुस्कुराने वाले देश लैटिन अमेरिका और दक्षिण-पूर्व एशिया में पाए जाते हैं. इसका मतलब यह है कि मुस्कुराना हमेशा अमीरी या सुविधाओं पर निर्भर नहीं करता, बल्कि यह संस्कृति, सामाजिकता और पारिवारिक मूल्यों की देन है.
मुस्कुराने की संस्कृति और सामाजिकता
इंडोनेशिया, पराग्वे या वियतनाम जैसे देशों की खासियत यह है कि यहां समाज सामूहिक जीवन को प्राथमिकता देता है. लोग एक-दूसरे से मिलते वक्त मुस्कुराकर अभिवादन करना शिष्टाचार मानते हैं. आतिथ्य-सत्कार, दोस्ताना व्यवहार और मिलनसारिता इनके जीवन का हिस्सा है. यही वजह है कि आर्थिक चुनौतियों और कठिनाइयों के बावजूद इन समाजों में लोग छोटी-छोटी खुशियों में संतोष ढूंढते हैं और खुलकर मुस्कुराते हैं.
कठिनाइयों के बीच मुस्कान
यह मान लेना गलत होगा कि इन देशों के लोग मुश्किलों से दूर हैं. बल्कि सच तो यह है कि वे रोज़ाना आर्थिक और सामाजिक संघर्षों से जूझते हैं. लेकिन उनकी सोच उन्हें औरों से अलग बनाती है वे कठिनाइयों को जीवन का हिस्सा मानकर भी खुश रहना जानते हैं. यही आदत उन्हें दुनिया के सबसे ज़्यादा मुस्कुराने वाले देशों में शामिल करती है.
विज्ञान क्या कहता है मुस्कुराने के बारे में?
वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि मुस्कुराने का सीधा असर हमारे शरीर और मन पर पड़ता है. सुबह मुस्कुराने से दिमाग में डोपामिन, एंडोर्फिन और सेरोटोनिन जैसे “फील-गुड” रसायन निकलते हैं. ये रसायन तनाव को कम करते हैं, मूड को बेहतर बनाते हैं और ब्लड प्रेशर घटाते हैं. यहां तक कि फोर्स्ड स्माइल यानी जबरदस्ती की गई मुस्कान भी शरीर में सकारात्मक बदलाव लाती है. कई अध्ययनों में यह भी पाया गया है कि मुस्कुराना दिल की धड़कन को नियंत्रित करता है, स्ट्रोक और हार्टअटैक का खतरा घटाता है और जीवन को लंबा करने में मदद करता है.
मुस्कुराने से होता हैं सामाजिक और मानसिक लाभ
मुस्कुराने वाले लोग न केवल शारीरिक रूप से बेहतर रहते हैं बल्कि उनके सामाजिक संबंध भी मज़बूत होते हैं. उनकी दोस्ती जल्दी बनती है, रिश्ते लंबे चलते हैं और मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है. यही वजह है कि मुस्कान को जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने वाला सबसे आसान “प्राकृतिक उपाय” माना जाता है.