विनेश फोगाट फिर अपने दांव से करेंगी कमाल, जानें रेसलर के बारे में 10 बड़ी बातें
Vinesh Phogat: भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट ने एक बड़ा फैसला लिया है. उन्होंने अपने रिटायरमेंट से यू-टर्न लेने का एलान किया है. इस साल अगस्त में विनेश फोगाट ने खेल से दूरी बनाकर राजनीति में कदम रखा था. हालांकि, वह एक बार फिर मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं. विनेश फोगाट ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में अपने फैंस के साथ यह अपडेट शेयर किया. अब उनकी नज़र लॉस एंजिल्स में होने वाले 2028 ओलंपिक गेम्स पर है. तो चलिए विनेश फोगाट के उन उपलब्धियों के बारे में जिनके बारे में बहुत कम लोगों को पता है.
कॉमनवेल्थ गेम्स में किया कमाल
विनेश फोगाट ने रेसलिंग की दुनिया में कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की है. उन्हीं में से एक है एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीतना है. इसकी खास बात यह है कि विनेश ने ये दोनों गोल्ड मेडल एक ही साल 2018 में जीते. गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में विनेश ने 50 किलोग्राम वर्ग में गोल्ड जीता है.
जकार्ता में रचा इतिहास
जकार्ता में हुए एशियन गेम्स में विनेश सोने का तमगा जीतकर इतिहास रच दिया. ऐसा करने वाली वह भारत की पहली महिला रेसलर हैं.
तीन गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान
विनेश फोगट कॉमनवेल्थ गेम्स में लगातार तीन गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान हैं. यह कारनामा 2014 ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स से शुरू हुआ था.
बर्मिंघम गेम्स में गोल्ड जीतकर पूरी की हैट्रिक
विनेश फोगाट ने 2018 गोल्ड कोस्ट गेम्स में मेडल जीता और 2022 बर्मिंघम गेम्स में गोल्ड जीतकर हैट्रिक पूरी की.
सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार
विनेश फोगट को 2019 में खेल की दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार लॉरियस वर्ल्ड स्पोर्ट्स अवार्ड के लिए नॉमिनेट किया गया था. वह इस पुरस्कार के लिए नॉमिनेट होने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनीं.
पेरिस ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन
विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन किया. पहले राउंड में विनेश का मुकाबला जापान की युई सुसाकी से हुआ. सुसाकी ओलंपिक चैंपियन और वर्ल्ड चैंपियन दोनों थीं. विनेश के खिलाफ मैच से पहले, सुसाकी ने अपने सभी 82 इंटरनेशनल मैच जीते थे। हालांकि, पेरिस में सुसाकी विनेश से हार गईं. विनेश उन्हें हराने वाली पहली इंटरनेशनल रेसलर बनीं.
100 ग्राम वजह की वजह से नहीं रच पाईं इतिहास
विनेश ने पेरिस ओलंपिक-2024 में महिलाओं के 50 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में कदम रखा था। इसी के साथ उन्होंने देश के लिए कम से कम सिल्वर मेडल पक्का कर दिया था. लेकिन फाइनल से पहले जब वेट-इन हुआ तो विनेश का वजन तय सीमा से 100 ग्राम ज्यादा पाया गया और उन्हें डिस्क्वलीफाई कर दिया गया था. इस पर काफी विवाद हुआ था.
नौ साल की उम्र में पिता को खोया
विनेश ने नौ साल की उम्र में अपने पिता राजपाल को खो दिया था. तब से, उन्हें उनके चाचा महावीर सिंह फोगट (एक मशहूर पहलवान) ने पाला-पोसा – जो गीता और बबीता (भारत की पहलवान) के पिता थे – और कुश्ती की तरफ उनका झुकाव स्वाभाविक रूप से हो गया.
2013 यूथ रेसलिंग चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता
नई दिल्ली में 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स के बाद, जहाँ गीता ने 55 kg कैटेगरी में गोल्ड मेडल और बबीता ने 51 kg कैटेगरी में सिल्वर मेडल जीता, कुश्ती में हिस्सा लेने की उनकी इच्छा और बढ़ गई, और उन्होंने 2013 यूथ रेसलिंग चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता.
बहन ने किया मदद
अपनी बड़ी बहन गीता फोगाट की मदद से ही विनेश ने 2014 में ग्लासगो में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों में 48 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था .
अपनी बड़ी बहन गीता फोगाट की मदद से ही विनेश ने 2014 में ग्लासगो में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों में 48 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था .