संबंधित खबरें
Fire Accident: भीषण आग से आधे गांव का हुआ सफाया, शॉर्ट सर्किट से हुआ हादसा, मौके पर पहुंचे सीओ
Bihar Weather Update: बारिश से बढ़ी ठिठुरन, ठंड का जारी रहेगा कहर, जानें ताजा अपडेट
नक्सलियों के गढ़ में STF ने की बड़ी कार्रवाई, FIR दर्ज
पटना में नए साल पर कहां मनाएं पिकनिक, जानें क्या देने होंगे चार्ज?
नए साल से पहले गृह विभाग में बड़ा फेरबदल, बिहार में 62 IPS का तबादला
'जहां गांधी जी पहुंचे वहीं…’, भोजपुरी सिंगर देवी को मिली धमकी, पटना में एक भजन गाने को लेकर हुआ था विवाद
इंडिया न्यूज़(Bihar): बिहार में जातिगत जनगणना का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस मामले की सुनवाई 13 जनवरी को होगी. यह याचिका एक सामाजिक कार्यकर्ता अखिलेश कुमार के द्वारा दायर की गई थी.
इस याचिका में याचिकाकर्ता अखिलेश कुमार अपने अधिवक्ता बरुन कुमार सिन्हा और अभिषेक के माध्यम से मुख्य रूप से कहा है कि जातिगत जनगणना कराने का बिहार राज्य का फैसला मनमाना, अवैध, तर्कहीन और असंवैधानिक है. इसलिए इस पर रोक लगे.
Supreme Court agrees to give urgent hearing to plea challenging Caste Census in Bihar
Read @ANI Story | https://t.co/qcfpfmM289#SupremeCourt #CasteCensus #Bihar pic.twitter.com/woy7ZdgURw
— ANI Digital (@ani_digital) January 11, 2023
आपको बता दें कि जाति आधारित जनगणना बिहार सरकार के एजेंडे में शामिल है. दरअसल, राज्य में जातिगत जनगणना कराने के लिए बिहार सरकार ने 6 जनवरी, 2022 को एक अधिसूचना जारी किया था. इसी को रद्द करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है.
जातिगत जनगणना जेडीयू मुखिया और बिहार के सीएम नीतीश कुमार की वर्षों से मांग रही है. जब वे बिहार में बीजेपी के साथ गठवंधन में थे तब भी वे इसकी मांग कर रहे थे. बिहार में 7 जनवरी यानि शनिवार से जाति आधारित गणना के पहले चरण का काम शुरू हुआ था. इस जनगणना में करीब 5.18 लाख से अधिक कर्मी 2 करोड़ 58 लाख 90 हजार 497 परिवारों तक पहुंचने थे. पहले चरण में 7 से 21 जनवरी तक सभी आवासीय परिसर की गिनती होनी थी.
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.