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(दिल्ली) : अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने शनिवार को कहा कि अयोध्या में राम मंदिर तो बन रहा है, लेकिन देश में कहीं भी रामराज्य नहीं दिख रहा। अमेठी में संवादाताओं से बातचीत में तोगड़िया ने कहा, अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण तो समझो हो ही गया है, लेकिन अब देश में रामराज्य भी आ जाना चाहिए, मगर रामराज्य तो कहीं दिख ही नहीं रहा है। बता दें, प्रवीण तोगड़िया का संघ और बीजेपी से मतभेद जगजाहिर है। ऐसे में उनके इन बयानों के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
कभी राममंदिर आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले प्रवीण तोगड़िया ने संघ और भाजपा पर अप्रत्यक्ष रूप से बोला है। उन्होंने कहा कि अब वह चाहते हैं कि देश के करोड़ों हिंदुओं को मकान मिले, बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले, युवाओं को रोजगार मिले और किसानों को उनकी फसल की अच्छी कीमत मिले। तोगड़िया ने आगे कहा, हिंदुओं ने एकजुट होकर सबको जगाने का काम किया, अभियान चलाया और अयोध्या में राम मंदिर बन गया।
तोगड़िया ने यह भी कहा, हिंदू एक बार फिर जाग गया है। राम मंदिर तो बन गया लेकिन हिन्दू अब रामराज्य चाहता है। उसे एक बार फिर एकजुट होकर हिंदुओं को मकान, शिक्षा, रोजगार और चिकित्सा सुविधा दिलाने के लिए देशव्यापी अभियान चलाने की जरुरत है। मालूम हो, रामराज्य की मांग से पहले, तोगड़िया 27 जनवरी की देर शाम शुक्ल बाजार के पूरे रामदीन गांव पहुंचे और अपने संगठन के कार्यकर्ता अवधेश मिश्रा के घर पर लोगों से मुलाकात की। उन्होंने मुसाफिरखाना में हिंदू रक्षा निधि अर्पण कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया।
कहा जा रहा रामराज्य की मांग पर तोगड़िया के सीधे निशाने पर पीएम मोदी ही है। लेकिन बताया जाता है कि एक वक्त ऐसा भी था जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और तोगड़िया गहरे दोस्त हुआ करते थे और दोनों एक ही स्कूटर से आरएसएस कार्यकर्ताओं से मिलने जाया करते थे। हालांकि वर्ष 2002 में मोदी के गुजरात का मुख्यमंत्री बनते ही दोनों के संबंधों में कड़वाहट आ गई। कहा तो यह भी जाता है कि 2007 के गुजरात विधानसभा चुनाव में विहिप ने परोक्ष रूप से मोदी का विरोध ही किया था। इसके चलते इन दोनों के बीच दूरियां और बढ़ीं।
प्रवीण तोगड़िया चूंकि सौराष्ट्र के पटेल समुदाय से आते हैं, ऐसे में अटकलें यह भी थीं कि हार्दिक पटेल को पर्दे के पीछे से प्रवीण तोगड़िया का भी सहयोग था। इसी ‘राजनीतिक शत्रुता’ ने मोदी और तोगड़िया के बीच की दरार और चौड़ा करने में अहम भूमिका निभाई। इसके अलावा संघ और भाजपा भी चाहते हैं कि तोगड़िया को विहिप के मुखिया पद से हटाया जाए। शायद तोगड़िया की मोदी से नाराजगी का यह कारण भी हो सकता है।
बता दें, विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण भाई तोगड़िया की पहचान उनके भड़काऊ भाषणों से है। गुजरात के रहने वाले तोगड़िया की गिनती देश के शीर्ष हिन्दू नेताओं में होती है। मालूम हो, कुछ समय पहले तोगड़िया आंखों में आंसू लिए यह कहते नजर आए थे मेरे एनकाउंटर की साजिश रची गई। जिसपर सारा देश आश्र्यचकित था।
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