छत्तीसगढ़:– देश में इन दिनों हिमाचल प्रदेश और गुजरात चुनाव को लेकर राजनैतिक पार्टियां अपनी पुरजोर कोशिश में लगी है. लेकिन ऐसा भी नहीं है कि अगले साल जिन राज्यों में चुनाव होने हैं उन राज्यों में पार्टियां स्लो चल रही हों.. छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव 2023 के सियासी जमावट की शुरुआत हो चुकी है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ में फिर से कांग्रेस का झंडा बुलंद करने की पुरजोर कोशिश में जुटे हुए हैं, वो 90 विधानसभा सीटों का दौरा कर रहे हैं।उनकी पूरी कोशिश है कि अगले साल होने वाले चुनाव में बड़ी जीत हासिल कर सकें।पर एक सीट है जिसपर तरह तरह की धारणाएं है. ये सीट है अलकतरा।
मुख्यमंत्री दौरे कर रहे हैं लेकिन उनके जांजगीर-चांपा जिले की अकलतरा विधानसभा क्षेत्र जाने को लेकर कोई प्रोग्राम अभी तक तय नहीं है। दरअसल, इस विधानसभा सीट को लेकर एक अंधविश्वास है। ऐसा कहा जाता है कि इस सीट पर जो भी मुख्यमंत्री आता है राज्य के सत्ता में उसकी दोबारा वापसी नहीं होती है। उत्तर प्रदेश में भी एक सीट ऐसी थी जिसे लेकर मिथक था. नॉएडा। लेकिन योगी आदित्यनाथ ने इस मिथक को ख़त्म कर दिया।।अब सबकी नज़र इसपर है कि क्या भूपेश बघेल इस अन्धविश्वास को तोड़ने वाले हैं?
ये अन्धविश्वास अविभाजित मध्यप्रदेश से भी जुड़ा है और अभी तक कायम है। इस सीट पर जाने से मुख्यमंत्री कतराते रहते हैं, पूर्व में कई मुख्यमंत्रियों ने जब भी इस सीट पर दौरा किया उसके बाद उन्हें मुख्यमंत्री का पद नहीं मिल सका. कई ऐसे नेता है जो आज तक कभी उस सीट पर गए ही नहीं। अविभाजित मध्यप्रदेश के पहले सीएम पंडित श्यामाचरण शुक्ल, अर्जुन सिंह,सुंदरलाल पटवा और 1993 से 2003 तक राज्य की सत्ता में काबिज रहने वाले दिग्विजय सिंह ने इस विधानसभा सीट का कभी भी दौरा नहीं किया।क्योंकि उन्हें सरकार के चले जाने का डर था. अब देखना ये होगा कि क्या सीएम योगी के नक़्शे कदम पर बघेल चलेंगे और मिथक तोड़ेंगे
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