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Chandigarh: नगर निकायों में अफसरों को डीडी पावर यानी पैसे खर्च करने का अधिकार दिए जाने के बाद चेयरमैनों का विरोध लगातार बढ़ता ही जा रहा है। शुक्रवार को बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ने वाले 40 चेयरमैन चंडीगढ़ में बीजेपी मुख्यालय पर इस्तीफा लेकर पहुंचे हैं। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ और स्थानीय शहरी निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता के साथ बैठक की और अपना विरोध जताया। चेयरमैनों ने इस दौरान बीजेपी से अपना इस्तीफा देने की बात कही है। धनखड़ से उन्हें समझाया और आश्वासन दिया कि इस मामले को लेकर वह मुख्यमंत्री मनोहर लाल से बातचीत करंगे।
इसके अलावा एसोसिएशन ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि अगने 5 दिनों तक डीडी पावर का फैसला वापस नहीं लिया गया तो फुर नई सिरे से रणनीति बनाएंगे। नगर परिषद व नगर पालिका चेयरमैन एसोसिएशन की प्रधान रजनी इंद्रजीत विरमानी ने कहा कि अधिकारियों को पावर देकर चेयरमैनों को चोर ठहरा दिया गया है। उन्होंने आगे कि सरकार अपना फैसला वापस ले ले और नए बने चेयरमैनों का 8-10 माह की कार्यकाल देख ले। यदि फिर भी सरकार संतुष्ट नहीं होती है तो चाहे अफसरों को पावर दे दी जाए। प्रदेशाध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ से उन्होंने कहा कि पार्टी ने टिकट तभी दिए जब वो ईमानदार थे। अगर वो चोर होते तो उन्हें टिकट भी नहीं दी जाती।
चेयरमैन ने अपने इस्तीफे में मुख्यमंत्री और मंत्री के पिछले दिए गए बयानों का जिक्र करते हुए लिखा कि “अभी दो महीने पहले ही मैं प्रधान का डायरेक्ट इलेक्शन जीतकर आया हूं। लेकिन अभी भी अधिकारी हमारी बात को अनसुना करते हैं और आपकी सरकार के इस डीडी पावर के छीनने के कदम से तो छोटे से छोटे कर्मचारी भी हमें इग्नोर करेंगे। हमें 24 घंटे जनता के कार्य करने होते हैं। साथ ही इनके कामों को सुचारू रूप से करवाने के लिए डीडी पावर का हथियार हमारे लिए सबसे बड़ा है।”
इस्तीफे में आगे लिखा कि “करीब 50 फीसदी प्रधान भाजपा के टिकट पर जीत कर आए हैं और पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता हैं। सरकार यह अधिकार छीनकर हमारे साथ बड़ा विश्वासघाट कर रही है। साथ ही दो महीनों में शहर की नई सरकार ने अभी तक कोई नए टेंडर और बिल पास तक नहीं किए हैं। हमारे स्वाभिमान को बहुत छति पहुंची है। जिसके चलते मैं प्रधान पद और बीजेपी पार्टी से इस्तीफा दे रही हूं।
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