India News (इंडिया न्यूज), Bhopal News: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान आजकल में हो सकता है। इसी बीच बीजेपी के वरिष्ठ विधायक पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव का एक बड़ा बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने इशारों-इशारों में स्वयं को मुख्यमंत्री बनाए जाने की संभावना व्यक्त की है। मंत्री गोपाल भार्गव रहली विधानसभा क्षेत्र के सिद्ध क्षेत्र टिकीटोरिया में 17 करोड़ 28 लाख रुपये की लागत से बनने वाले रोप-वे कार्यक्रम के भूमिपूजन कार्यक्रम में पहुंचे थे।

113 विधायकों के नेता था कमल नाथ

इसी कार्यक्रम के वीडियो में मंत्री भार्गव यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि इस बार भाजपा ने किसी को भी मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट नहीं किया है। वे 2018 में कांग्रेस की सरकार आने पर नेता प्रतिपक्ष चुने गए थे। वे 108 विधायकों के नेता था। वहीं कमल नाथ 113 विधायकों के नेता था। इशारों-इशारों में वे कह रहे कि जब डेढ़ साल बाद भाजपा की सरकार बनी तो मुख्यमंत्री नहीं बन सके। शायद यह उनकी हस्तरेखा व भाग्यरेखा में नहीं था। अब फिर अवसर आया है। उनके गुरु ने कहा कि वे एक बार और चुनाव लड़ें। शायद ऐसी भगवान की भी इच्छा है।

गोपाल भार्गव ने कहा कि..

पीडब्ल्डी मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि मेरे गुरु ने कहा कि आप इतने परेशान हुए हो तो एक बार और चुनाव लड़ जाओ। यह अंतिम चुनाव होगा। निश्चित रूप से मुझे भी लगा कि इस बार जो चुनाव हो रहे हैं, उसमें किसी को मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट नहीं किया जा रहा। यह नहीं बताया जा रहा है कि फलां मुख्यमंत्री होगा या फलां मुख्यमंत्री। जब गुरु ने आज्ञा दी तो मुझे भी लगा कि गुरु की कुछ इच्छा हो।

‘108 विधायक का मैं नेता था’: गोपाल भार्गव

ईश्वर से की तरफ से कुछ बात निकलकर आई हो। ऐसे भी नहीं है कि मेरी कोई चाहत हो, क्योंकि लोग सरपंच बनने के लिए परेशान रहते हैं। पार्षद बनने के लिए परेशान होते हैं। भगवान ने तो मुझे सब कुछ बनाया। नगरपालिका अध्यक्ष बनाया। इतने साल विधायक बनाया, इतने साल मंत्री बनाया और तो और जो सबसे बड़ा पद होता है मुख्यमंत्री के बराबर, मुझे नेता प्रतिपक्ष बनाया। मुझे लगता है कि ठीक है। 108 विधायक का मैं नेता था।

कमल नाथ जी 113 विधायक के नेता थे, लेकिन वो संभव नहीं हो पाया। हर चीज का मुहुर्त होता है, हो सकता है कि मेरी हस्तरेखा, मेरी भाग्य रेखा मैं न हो, लेकिन समय पता नहीं कब किसका कैसा आता है। हो सकता है कि जगदंबा की इस परिषद से आपकी (जनता) आवाज निश्चित रूप से पूरी हो।

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