India News (इंडिया न्यूज़),Bilaspur News: हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में राज्य सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें पदोन्नति में रिजर्वेशन की प्रक्रिया पर हाईकोर्ट द्वारा लगाए गए स्टे को हटाने की मांग की गई थी। हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रफुल्ल भारत ने बताया है कि राज्य सरकार की यह याचिका खारिज होने का अर्थ है कि इस प्रकरण की अंतिम सुनवाई तक पदोन्नति में आरक्षण लागू नही होगा।
क्या है मामला
राज्य सरकार ने पदोन्नति में आरक्षण नीति लागू की थी उसे चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। यह याचिका विधुत मंडल के कर्मचारी विष्णु प्रसन्न शर्मा की ओर से अधिवक्ता प्रफुल्ल भारत ने दायर की थी। इस मामले में प्रारंभिक सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता प्रफुल्ल भारत और विवेक शर्मा ने तर्क दिया कि जिस समय पदोन्नति पर आरक्षण का यह नियम बना था।
रिजर्वेशन पर रोक
उस समय राज्य सरकार के पास कोई ऐसा डाटा नहीं था जिससे कि पदोन्नति में आरक्षण नियम को युक्तिसंगत माना जा सके।तर्कों से सहमत होते हुए हाईकोर्ट ने पदोन्नति में रिजर्वेशन पर रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट ने पदोन्नति में रिजर्वेशन पर रोक का आदेश 9 दिसंबर 2019 को पारित किया था। राज्य सरकार की ओर से यह स्थगन हटाने के लिए याचिका दायर की गई थी। जिसे सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है।
भूपेश सरकार को झटका
आरक्षण के मसले पर पहले से घिरी भूपेश सरकार के लिए हाईकोर्ट का यह फैसला करारा झटका है।आज क्या हुआ चीफ़ जस्टिस रमेश सिन्हा की अध्यक्षता और जस्टिस चंद्रवंशी की बेंच ने राज्य सरकार की ओर से पेश याचिका जिसमें स्टे को हटाए जाने का आग्रह किया गया था उसकी सुनवाई करते हुए राज्य सरकार की ओर से पेश याचिका को ख़ारिज कर दिया है।
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