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Jharkhand News: झारखंड के इस मंदिर में महेंद्र सिंह धोनी अक्सर लगाते हैं हाजिरी

BY: Dharambir Sinha • LAST UPDATED : October 16, 2023, 12:14 pm IST
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Jharkhand News: झारखंड के इस मंदिर में महेंद्र सिंह धोनी अक्सर लगाते हैं हाजिरी

Mahendra Singh Dhoni often attends this temple of Jharkhand.

India News (इंडिया न्यूज), Jharkhand News: जमशेदपुर राजमार्ग यानि NH33 के पास स्थित है एक प्राचीन मंदिर। यहां देवी दुर्गा की 700 साल पुरानी मूर्ति है। आमतौर पर देवी दुर्गा के 8 या 10 हाथ मूर्तियों में होते लेकिन दुर्लभ इस मूर्ति में मां के 16 हाथ हैं। करीब दो एकड़ में फैले रांची के इस पुराने मंदिर में भगवान शिव की भी एक मूर्ति है। किंवदंतियों के अनुसार, जिसने भी इस मंदिर के गर्भ गृह या संरचना को बदलने की कोशिश की है, कुछ अनर्थ हुआ।

आदिवासी राजा केरा ने करवाया था मंदिर का निर्माण

देवरी मंदिर में आदिवासी पुजारी होते हैं। जिन्हें पाहन के नाम से जाना जाता है। वे अनुष्ठान करते हैं और ब्राह्मण पुजारी के साथ पूजा अर्चना करते हैं। इस मंदिर के दरवाजे पत्थर के बने हैं। मूर्ति की वास्तुकला शैली, ओडिशा राज्य के मंदिरों में पाए जाने वाले मूर्ति के समान ही है। कहा ये भी जाता है की देवदी मां, माता काली हैं। देवी की मूर्ति 16 भुजी हैं और यह करीबन 3 फुट की है। देवी अपनी भुजा में धनुष, ढाल, फूल और पदम धारण की हुई हैं। देवरी मां की मूर्ति में अलग-अलग तरह के सोने के गहने भी हैं। इस मंदिर से जुड़ी एक कथा के अनुसार इस मंदिर का निर्माण स्थानीय आदिवासी राजा केरा ने करवाया था।

700 साल पुराना है मंदिर

ऐसा माना जाता है कि यह 700 साल पुराना है। जबकि इस मंदिर की स्थापना 12 वीं सदी में सिंहभूम के मुंडा राजा केरा ने की थी । किंवदंतियों का कहना है कि राजा ने इस मंदिर की स्थापना तब की थी, जब वह युद्ध से हारकर निराश थे, और जंगलों में विचरने को मजबूर थे। कहा जाता है की मां काली के आशीर्वाद से उन्हें अपना राज्य वापस मिल गया था।
कुछ लोगों का मानना ​​है कि यह मंदिर सम्राट अशोक द्वारा बनाया गया था। जब वह कलिंग के युद्ध अभियान पर थे। तो इसी रास्ते से ओडिशा गए थे।

इस मंदिर में अक्सर हाजिरी लगाते हैं धोनी 

यहां उनकी सेना रुकी थी। और सम्राट अशोक इस वीरान जंगल में एक देवी मां की मूर्ति देख माथा टेका था। और फिर कलिंग विजय के बाद मंदिर का निर्माण कर आगे बढ़े। वैसे इस मंदिर पर आदिवासी संस्कृति विशेषकर भूमिज जनजाति का प्रभाव है। आदिवासी पाहन सप्ताह में छह दिन पूजा करते हैं और केवल एक दिन ब्राह्मण इस मंदिर में पूजा करते हैं । मां देवड़ी की इस मंदिर में धोनी भी अक्सर हाजिरी लगाते हैं।

खेल जगत के सितारे हों राजनेता हों या कोई विदेशी श्रद्धालु जो भी भक्ति भाव से दर्शन करने आते हैं। मां के चरणों में शीश झुकाते है, उनकी मनोकामना अधूरी नहीं रहती। महेंद्र सिंह धोनी अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत से ही मां की दर्शन के लिए आते रहे हैं। इस मंदिर में उनकी अटूट आस्था है। धोनी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने जाने से पहले यहां दर्शन करने जरूर आते थे।

हर एक मनोकामना पूरी होती चली गई: धोनी 

धोनी खुद कहते हैं की हर एक मनोकामना मां के आशीर्वाद से ही पूरी होती चली गई। चाहे वर्ल्ड कप हो या फिर आईपीएल के मैच धोनी यहां मत्था टेकने के बाद ही रांची छोड़ते थे। पूरे नवरात्रि में विशेष अनुष्ठान के साथ मां की पूजा की जाती है और इस दौरान श्रद्धालूओ की भीड़ उमड़ रही है।

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