India News(इंडिया न्यूज),Hookah Bans: कर्नाटक सरकार ने राज्य में हुक्का पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को एक नोटिस जारी कर यह जानकारी दी। जिसके मुताबिक, राज्य में हुक्का की बिक्री और सेवन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। राज्य सरकार ने ‘सार्वजनिक स्वास्थ्य’ की रक्षा के लिए अग्नि नियंत्रण और अग्नि सुरक्षा कानूनों के उल्लंघन का हवाला देते हुए हुक्का बारों में हुक्का की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध पिछले साल कोरमंगला में एक हुक्का बार में आग लगने की घटना को देखते हुए लगाया गया है। बार में अग्नि एवं सुरक्षा नियमों का पालन नहीं किया गया।
राज्य सरकार का कहना है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ COTPA (सिगरेट और तंबाकू उत्पाद अधिनियम 2003), बाल देखभाल और संरक्षण अधिनियम 2015, खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता अधिनियम 2006, कर्नाटक जहर (कब्जा और बिक्री) नियम 2015 और भारतीय कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। दंड संहिता। वहीं फायर कंट्रोल एवं फायर सेफ्टी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।
कर्नाटक सरकार ने अपने आदेश में कहा, ”हुक्का बार से आग लग सकती है। राज्य अग्नि नियंत्रण और अग्नि सुरक्षा कानूनों का उल्लंघन नहीं कर सकता। हुक्के के कारण होटल, बार और रेस्तरां असुरक्षित स्थान बन जाते हैं। इससे जन स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। हुक्का उत्पादों की बिक्री, उपभोग और विज्ञापन को हुक्का तंबाकू या निकोटीन के रूप में जाना जाता है। जिसमें निकोटीन मुक्त, तंबाकू मुक्त, स्वादयुक्त, बिना स्वाद वाला हुक्का गुड़, शीशा और अन्य नाम शामिल हैं। लोग इसे बेचते, खरीदते और पीते हैं। इसका कारोबार होता है। राज्य में जन स्वास्थ्य के हित में इसे तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
राज्य स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि हुक्का एक ऐसा उत्पाद है जिसका सेवन एक सीलबंद कंटेनर में नोजल या पाइप डिवाइस के माध्यम से किया जाता है। इसे पीने से दाद, तपेदिक, हेपेटाइटिस, कोविड-19 जैसी संक्रामक बीमारियाँ और कई अन्य बीमारियाँ मुँह के माध्यम से फैलने लगती हैं।
सरकार ने कई शोधों का हवाला दिया है जो बताते हैं कि 45 मिनट तक हुक्का पीना 100 सिगरेट पीने के बराबर है और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, हुक्का एक नशीला पदार्थ है जिसमें निकोटीन या तम्बाकू और गुड़ या स्वाद बढ़ाने वाला रसायन कार्बन मोनोऑक्साइड अधिक मात्रा में होता है जो स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक है।
2023 में कर्नाटक विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान, कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने घोषणा की थी कि राज्य जल्द ही राज्य में हुक्का बार पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक कानून लाएगा। विधानसभा में पेश आंकड़ों के मुताबिक, पिछले चार साल में हुक्का बार के खिलाफ 100 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं। जिसमें 2020 में 18, 2021 में 25, 2022 में 38 और 2023 में 25 मामले शामिल हैं।
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