India News (इंडिया न्यूज़), Lucknow News: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी ने खुद को मजबूत करने के साथ ही विपक्षी दलों में सेंधमारी का भी बड़ा प्लान तैयार किया है। बीजेपी का दावा है कि सपा, बसपा और कांग्रेस के कई बड़े नेता उसके संपर्क में हैं। बीजेपी इनके लिए दिसंबर से ज्वाइनिंग का बड़ा अभियान शुरू करेगी। इनमें कुछ मौजूदा सांसदों के साथ पूर्व विधायक, पूर्व सांसद भी शामिल हैं।
बीजेपी का प्लान हर लोकसभा के अनुसार अलग-अलग बन रहा है। बसपा के जौनपुर के सांसद श्याम सिंह यादव, बिजनौर से सांसद मलूक नागर बीजेपी की तारीफ करने की वजह से चर्चा में थे कि वह बीजेपी नेताओं के संपर्क में हैं। श्याम सिंह यादव केंद्रीय मंत्री अमित शाह और नितिन गडकरी की भी प्रशंसा कर चुके हैं।
बीजेपी से उनकी नजदीकी की चर्चाएं उस वक्त और तेज हो गई थीं जब उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। बसपा के बिजनौर से सांसद मलूक नागर को भी भाजपा के कई काम अच्छे लगे। उन्होंने संसद के बजट सत्र में बीजेपी सरकार के बजट की खुलकर तारीफ की। अम्बेडकरनगर के सांसद रितेश पांडेय को लेकर भी चर्चा तेज है, पर अभी तक किसी भी सांसद ने खुलकर बीजेपी में आने के संकेत नहीं दिए हैं।
इसके साथ ही सपा में गए पूर्व मंत्री धर्मपाल सैनी भी बीजेपी में शामिल होने के लिए हरी झंडी दे चुके हैं। सपा और कांग्रेस के कई और नेता भी बीजेपी के संपर्क में हैं। बीजेपी के नेताओं का कहना है कि उनकी सबसे ज्यादा निगाहें बीएसपी के नेताओं पर हैं। दरअसल 2019 में बीएसपी का सपा के साथ गठबंधन हुआ। वोट प्रतिशत भले ही 19.3 ही रहा लेकिन उसे 10 सीटों पर जीत हासिल हुई। उसके बाद 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में सिर्फ एक सीट पर सिमट गई।
साथ ही पार्टी 1993 के बाद से अपने सबसे कम वोट प्रतिशत पर जा पहुंची। इस बार विधानसभा चुनाव में महज 12.8 प्रतिशत वोट मिले। इधर बसपा प्रमुख मायावती इस बार लोकसभा चुनाव में किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन से इनकार कर चुकी हैं। ऐसे में बीएसपी के सांसदों के मन में भी सवाल उठ रहे हैं कि बीएसपी क्या 2019 का नतीजा दोहरा पाएगी, इस बेचैनी की वजह से वह बीजेपी में संपर्क करने की कोशिश में हैं।
बीजेपी ने 2019 में हारी हुई 14 लोकसभा सीटों को लेकर भी बड़ी तैयारी की है। इन सीटों पर सभी प्रभारियों को जातीय-सामाजिक विश्लेषण कर रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। रिपोर्ट के आधार पर जो जातियां बीजेपी के साथ नहीं हैं, उन्हें जोड़ने के लिए बीजेपी अभियान चलाएगी। इसके साथ ही बीजेपी हारी हुई लोकसभा सीटों पर विपक्षी प्रत्याशियों को भी पार्टी में शामिल कराने की सूची बनाने में भी जुट गई है।
पार्टी ने तय किया है कि पंचायत से लेकर लोकसभा चुनाव में तीसरे या चौथे स्थान पर रहने वाले प्रत्याशियों को बीजेपी पार्टी में शामिल कराएगी। इसमें भी बीजेपी की अब सारी कोशिश विपक्ष की जीती हुई इन्हीं सीटों में सेंधमारी करने की है। इसमें विपक्ष के पूर्व जनप्रतिनिधियों को भी साधने की कोशिश की जा रही है। दरअसल बीजेपी लोकसभा चुनाव से पहले हर संसदीय सीट पर अपने समीकरण सुधारने में जुटी हुई है। इसी वजह से विपक्षी दलों के अलग-अलग जिलों के बड़े नेताओं को साधा जा रहा है।
बीती जुलाई में बीजेपी ने इसकी शुरुआत की थी और सपा विधायक दारा सिंह चौहान समेत कई पूर्व विधायकों को बीजेपी में शामिल कराया गया था। बीजेपी में उन्हें लेने से पहले उनका जनाधार तो देखा जा रहा है, जातीय गणित भी परखा जा रहा है ताकि जिस जिले के नेता आएं वह विपक्षी पार्टी को तो कमजोर करें हीं, साथ ही बीजेपी की सोशल इंजीनियरिंग भी मजबूत करें।
दरअसल बीजेपी ने 2024 के लिए अपना टारगेट यूपी में सभी 80 सीटें जीतने का रखा है। इसके लिए एक-एक विधानसभा स्तर पर समीकरण सुधारे जा रहे हैं। इनमें भी खास फोकस उन विधानसभा पर है, जहां बीजेपी मजबूत नहीं रही है। यह तैयारी अभी से शुरू कर दी गई है कि अगले लोकसभा चुनाव से पहले सारे समीकरण अपने पक्ष में हों।
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