India News (इंडिया न्यूज़), Lucknow News: यूपी में देश का नौ सेना का पहला अनूठा संग्रहालय बनाया जाएगा। इकाना स्टेडियम के करीब बनने वाले इस नौसेना संग्रहालय का भूमि पूजन और शिलान्यास सीएम योगी ने शनिवार को किया। साढ़े सात एकड़ जमीन पर बनने वाले इस संग्रहालय पर 23 करोड़ खर्च किए जाएंगे। इस नौसेना संग्रहालय में पर्यटक नौ सेना के पूरे इतिहास को जान सकेंगे। इस शौर्य संग्रहालय में आईएनएस गोमती के टारपीडो मिसाइल, गन के साथ नौसेना के सी विंग हेलीकॉप्टर और विमान भी प्रदर्शित होंगे।
साथ ही नौसेना की जानकारी देने के लिए डिजिटल इंट्रिपेशन सेंटर भी बनेगा। सिंधु घाटी की सभ्यता के समय के जलयान को भी दर्शाया जाएगा। संग्रहालय में रखे जाने वाला आईएनएस गोमती 34 साल तक नौसेना में सेवा देने के बाद डीकमीशन हो चुका है। अब इसे नौसेना संग्रहालय में स्थापित किया जाएगा।
सीएम योगी ने बताया कि..
शिलान्यास करने के बाद सीएम योगी ने बताया कि ये संग्रहालय युवाओं को भारतीय सेना, उनके शौर्य और पराक्रम के बारे में जानने का माध्यम बनेगा। ये प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान को भी गति प्रदान करने का माध्यम बनेगा। सीएम ने कहा कि कोई भी समाज या राष्ट्र अपनी विरासत को विस्मृत करके विकास की उपलब्धियों को नहीं छू सकता। अतीत के गौरवशाली क्षण पथ प्रदर्शक होता है।
शहीद हुए जवानों के लिए भी स्मारक
मुख्यमंत्री ने कहा कि नौसेना संग्रहालय के पास ही सेना में शहीद हुए उत्तर प्रदेश के जवानों, अलग-अलग राज्यों में कानून व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए शहीद हुए सुरक्षाबलों के लिए एक स्मारक बनाया जाएगा। साथ ही संग्रहालय के करीब एक वेटलैंड विकसित किया जाएगा। ये वेटलैंड पर्यटन विभाग के साथ-साथ पर्यावरण, सिंचाई विभाग मिलकर विकसित करेंगे।
कार्यक्रम में वाइस एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने कहा कि भारतीय नौसेना और लखनऊ के बीच पुराना रिश्ता है। आईएनएस गोमती जिसने 34 वर्ष तक अपनी सेवाएं दी। इसे पिछले वर्ष सम्मानपूर्ण रिटायर किया गया। नौसेना में भर्ती होने वाले युवाओं में से बड़ी संख्या यूपी के युवाओं की हैं इसलिए उन्हें सम्मान देने के लिए यूपी में संग्रहालय बनाना बिलकुल उचित है। उन्होंने कहा कि पृथ्वी का 71 फीसदी हिस्सा पानी है। 90 फीसदी आयत निर्यात पानी के रास्ते से किया जाता है। 5000 साल पहले सिंधु घाटी सभ्यता में गुजरात में पहला बंदरगाह बना था। पानी का रास्ता सुरक्षा और समृद्धि की महत्वपूर्ण कड़ी है।
संग्रहालय में यह होगा खास
- पी-21 मिसाइल, आरजेड-13 मिसाइल, एक 725 तोप, टारपीडो ट्यूब लॉन्चर, रेडार, लंगर, प्रोपेलर पर्यटकों के लिए रखे जाएंगी। गोमती तट पर 37200 वर्गमीटर में इसका निर्माण होगा।
- देश का पहला संग्रहालय होगा, जहां पर ऐतिहासिक युद्ध पोतों और जलयानों का संग्रह होगा। इसके अलावा नौसेना से जुड़े अन्य उपकरणों को भी प्रदर्शित किया जायेगा। मंत्री ने बताया कि इस समय आईएनएस गोमती मुम्बई में है। पर्यटन विभाग और भारतीय नौसेना के साथ एग्रीमेंट हुआ है कि शौर्य संग्रहालय का निर्माण शुरू होते ही मिसाइल समेत अन्य उपकरणों को लखनऊ लाया जायेगा।
- संग्रहालय में आईएनएस गोमती में स्थापित सभी उपकरणों के अलावा नौसेना के सी-किंग हेलीकाप्टर, सी-हैरियर वायुयान को भी प्रदर्शित किया जायेगा। युवाओं को नौसेना संबंधित जानकारी देने के लिए डिजिटल इन्टरप्रेटेशन सेंटर का भी निर्माण किया जायेगा।
- नौसेना से रिटायर्ड युद्धपोत, आईएनएस गोमती उससे संबंधित सभी उपकरण जैसे मिसाइल, टारपीडो, कैनन होंगे प्रदर्शित
- परिसर में म्यूरल गैलरी, हर्बल गार्डन, रेस्टोरेंट, मनोरंजन स्थल, लैंड स्केपिंग, प्रसाधन कॉम्प्लैक्स, ओपन एयर थियेटर आदि भी बनाये जाएंगे।
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