India News (इंडिया न्यूज), Vaibhav Gupta, MP Election 2023: प्रतिबंधित पीएफआई के खिलाफ एनआईए की छापेमारी के खिलाफ मध्यप्रदेश में सियासी घमासान मचा हुआ है। उज्जैन में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की कार्रवाई पर सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने कहा कि एनआईए के द्वारा किए गई कार्रवाई के 97% मामले झूठ पाए गए। दिग्विजय सिंह की एनआईए की कार्रवाई पर सवालिया निशान लगाने के बाद भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांगेस और प्रियंका गांधी से पूछा है कि वे बताएं कि दिग्विजय सिंह के बयान पर कांग्रेस का क्या स्टैंड है।
पीएफआई टेरर फंडिंग करती है, देश विरोधी गतिविधियों में लिप्ट है। आतंकवादी गतिविधियों में पीएफआई की सक्रिय भूमिका रहती है। दिग्विजय सिंह पीएफआई पर होने वाली कार्रवाई का विरोध करते हैं। क्या यही कांग्रेस का स्टैंड हैं। उज्जैन में पीएफआई को लेकर दिए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बयान पर बवाल मचने के बाद दिग्विजय सिंह ने ट्वीटर के माध्यम से सफाई दी है। दिग्विजय सिंह ने अपने ट्वीटर पर लिखा कि “कुछ मीडिया संगठनों द्वारा पूछे गए सवाल पर मेरे जवाब को ग़लत तरीक़े से कमेंट किया जा रहा है, जोकि मैंने नहीं कहा है।
सांप्रदायिकता भड़कानेवाले संगठन PFI का मैंने कभी समर्थन नहीं किया है। मैं धर्म के नाम से सांप्रदायिकता फैलानेवाले व्यक्ति/संगठन के खिलाफ हूँ और सदैव रहूँगा।” दिग्विजय सिंह की इस सफाई पर बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि पीएफआई की वकालत करने वाले दिग्गी क्या आतंकवाद के प्रवक्ता है ? कांग्रेस बताए पूरा विश्व हमास का विरोध कर रहा है। लेकिन कांग्रेस का पीएफआई और हमास पर क्या स्टैंड है वो साफ करें? बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस आतंकवाद और कट्टरता की समर्थक है।
बता दें कि मध्य प्रदेश के साथ साथ देशभर के अलग अलग राज्यों में NIA ने टेरर फंडिंग को लेकर PFI के ठिकानों पर कार्रवाई की है। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के खानुगांव में PFI से जुड़े एक शख्स पूछताछ भी की गई है। शख्स के पास से कुछ सामग्री भी जब्त की गई। पीएफआई की इसी कार्रवाई को लेकर उज्जैन में जब पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह से जब मीडिया ने सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पीएफआई पर कोई आरोप है तो छापे से हमें कोई आपत्ति नहीं, लेकिन देखने में आ रहा है कि जहां भी रेड मारी जा रही है, 97% वह मामले झूठ ही पाए जाते हैं।
बीजेपी दिग्विजय सिंह तो PFI के सबसे बड़े समर्थक हैं। इस तरह के बयान देकर वो एक वर्ग को खुश करना चाहते हैं। इस तरह से वो चुनाव में इसका फायदा भी लेना चाहते हैं, मगर दिग्विजय सिंह अब एक्सपोज़ हो चुके हैं। देश के मुसलमान अब उन्हें अच्छे से समझ चुके हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने जो कहा है, वो सोच समझकर कहा होगा। दिग्विजय सिंह हकीकत को बेहतर तरीके से जानते हैं। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से स्थिति को स्पष्ट कर दिया है। हमें बीजेपी को जवाब देने की जरुरत नहीं है।
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