India News (इंडिया न्यूज), Raipur News: भाजपा के संभावित प्रत्याशियों के नाम लीक होने के बाद उठे विरोध के स्वर ने भाजपा आलाकमान को सूची में फेरबदल के लिए अंततः मजबूर कर दिया है। भले ही प्रदेशाध्यक्ष अरुण साव वायरल सूची को अधिकृत सूची नहीं होने का हवाला दें, मगर यह तय माना जा रहा है कि जल्द ही संभावित सूची में फेरबदल होगा और प्रत्याशियों के नए नामों की नई सूची चुनाव की आदर्श आचार संहिता में जारी की जाएगी।
ताजा स्तिथि की बात करें तो आज प्रदेश कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में अकलतरा विधानसभा से हजारों की संख्या में कार्यकर्ता वर्तमान विधायक सौरभ सिंह को फिर से उम्मीदवार नही बनने को लेकर प्रदेश कार्यालय पहुंचे। कार्यकर्ताओं में सौरभ सिंह को लेकर काफी आक्रोश नजर आ रहा था। और वहीं तमाम कार्यकर्ता अकलतरा विधानसभा के सिर्फ यही कह रहे थे कि सौरभ सिंह के अलावा किसी भी अन्य व्यक्ति को वहां का प्रत्याशी चुना जाना चाहिए। इससे पहले भी भी आरंग, बैकुंठपुर के सैकड़ो हजारों लोग पहुच कर अपना विरोध जता चुके हैं।
भाजपा सूत्रों की मानें तो करीब एक दर्जन से अधिक नामों में बदलाव को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने हरी झंडी दे दी है जिनके नाम नई सूची के माध्यम से जल्द उजागर किए जाएंगे। गौरतलब हो कि भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक गत एक अक्टूबर को हुई थी। बैठक के 6 दिन गुजर जाने के बाद भी भाजपा प्रत्याशियों की सूची जारी नहीं कर पाई। इस बीच प्रत्याशियों के नामों की सूची लीक हो गई और मीडिया व सोशल मीडिया में बड़े-बड़े दावे किए गए। जिसके बाद प्रदेश भाजपा में भूचाल आ गया और पूरे प्रदेश में संभावित सूची को लेकर विरोध शुरू हो गए।
रायपुर में उत्तर और ग्रामीण विधानसभा के अलावा अकलतरा, बैकुंठपुर, धरसींवा, आरंग, साजा, तखतपुर, रायगढ़, दुर्ग, वैशालीनगर, नवागढ़ के अलावा 13 में से 11 पूर्व मंत्रियों को टिकट देने और महिला उम्मीदवार कम देने के अलावा साहू, गुजराती, सिंधी समाज, गाड़ा उत्कल, ब्राम्हण समाज ने भाजपा के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया।
बताया गया कि भाजपा नेताओं के विरोध का आलम यह हैं कि भाजपा के शीर्ष नेताओं का फोन उठाना मुश्किल हो गया और साल 2018 की घटना के पुनरावृत्ति की चेतावनी तक दे डाली गई। विरोध के इस आलम को देखते हुए राष्ट्रीय नेतृत्व ने तत्काल भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अरूण साव और प्रदेश महामंत्री (संगठन) पवन साय को दिल्ली तलब किया। दोनों नेता गुरुवार को दिल्ली पहुँचे और राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष, प्रदेश प्रभारी ओम माथुर और केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया के साथ बैठक की।
भाजपा सूत्रों की मानें तो भाजपा की संभावित सूची में जहां फेरबदल की तैयारी है। वहीं गत 17 अगस्त 2023 को जारी 21 प्रत्याशियों की सूची में भी कुछ नाम बदले जाएंगे। बताया जा रहा है कि जिनके नाम को लेकर बहुत ज्यादा विवाद है या फिर ऐसे प्रत्याशी जो षड्यंत्र के शिकार हो गए हैं, उनकी जगह नए प्रत्याशी दिए जाएंगे, क्योंकि भाजपा चुनाव के दौरान अब कोई जोखिम लेने की तैयारी में नहीं है।
दूसरी ओर, भाजपा ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की सूची को भी महत्व देने, मगर जीतने की गारंटी के साथ संघ नेताओं से भी दो टूक चर्चा करने का मन बना लिया है। बताया तो यह भी जा रहा है कि संघ ने जिन नामों की अनुशंसा की है, उनके जीतने की उम्मीद नहीं के बराबर है। इसे लेकर संघ नेताओं से फिर रायशुमारी की जाएगी।
भाजपा के दोनों नेताओं के दिल्ली पहुंचने से पहले ही पार्टी आलाकमान ने सूची लीक मामले में एक आंतरिक रिपोर्ट भी मंगवा ली और सूची लीक करने वालों की पहचान के साथ मीडिया में इसे लेकर चल रही चर्चाओं का भी पता लगा लिया हैं। राष्ट्रीय नेताओं की इस गंभीरता के बाद तय हुआ कि अधिकृत सूची अभी जारी न किया जाए, बल्कि जिन नामों को लेकर विरोध हो रहा है, वहां दुबारा पुनर्विचार किया जाए। अब भाजपा सूत्रों का कहना है कि सूची तो जारी होगी, मगर विशेष कृपा पात्र प्रत्याशियों का नाम बदलकर अब नए नाम सामने आएंगे।
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