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India News (इंडिया न्यूज),Supreme Court: अपनी याचिका में हेमंत सोरेन ने ईडी पर लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार की सोची-समझी साजिश के तहत उन्हें गिरफ्तार करने का आरोप लगाया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोरेन ने याचिका में शीर्ष अदालत से अनुरोध किया है कि ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी को अनुचित, मनमाना और उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करार दिया जाए। याचिका में कहा गया है कि ईडी के अधिकारियों ने केंद्र सरकार के निर्देश पर अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया है, क्योंकि याचिकाकर्ता हेमंत सोरेन की पार्टी जेएमएम विपक्षी गठबंधन भारत का एक सक्रिय घटक है। सोरेन की गिरफ्तारी सुनियोजित साजिश का हिस्सा है, आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए यह कार्रवाई की गयी है।
48 वर्षीय सोरेन ने कहा कि उन्होंने ईडी द्वारा अपनी गिरफ्तारी के डर से 31 जनवरी को शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी। अनुरोध किया गया कि ईडी को सुप्रीम कोर्ट के फैसले तक इंतजार करना चाहिए। इसके बावजूद ईडी ने उन्हें अवैध तरीके से हिरासत में लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार के इशारे पर ईडी की कार्रवाई का उद्देश्य उनकी चुनी हुई सरकार को गिराना था, जबकि उनके पास पर्याप्त शक्तियां थीं।
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने बुधवार को सात घंटे की पूछताछ के बाद झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले ईडी की हिरासत में राज्यपाल से मुलाकात के बाद सोरेन को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
ईडी ने विशेष अदालत को बताया कि सोरेन के पास रांची में कुल 8.5 एकड़ के 12 भूखंड हैं। सोरेन के पास इन पर अवैध कब्ज़ा है और वह इनका इस्तेमाल कर रहा है और उसने यह जानकारी भी छिपा रखी थी। एजेंसी ने कहा कि ये साजिशें धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अपराध की कमाई हैं।
राज्य सरकार के कर्मचारी और राजस्व विभाग में सब-इंस्पेक्टर भानु प्रताप प्रसाद के खिलाफ राज्य में विभिन्न स्थानों पर छापेमारी में संपत्तियों के दस्तावेज मिले थे। इससे पता चला कि प्रसाद दूसरों के साथ अवैध रूप से संपत्ति हासिल करने की साजिश में शामिल थे, जिसमें हेमंत सोरेन द्वारा अर्जित संपत्ति भी शामिल थी। इसका ब्योरा प्रसाद के मोबाइल फोन से भी मिला।
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